लखनऊ: यूपी में कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए एक बार फिर घर-घर सर्वे किया जाएगा. 15 जुलाई तक प्रदेश के सभी मंडलों में सर्वे किया गया था. इस सर्वे के माध्यम से प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी एकत्र की गई थी. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि प्रदेश उन हिस्सों में दोबारा से सर्वे शुरू करे, जहां संक्रमण का खतरा बढ़ा है. सर्वे लगातार एक सतत प्रक्रिया के तौर पर चलाने के लिए सीएम योगी ने निर्देश दिए हैं. सीएम योगी का कहना है कि बार-बार सर्वे करने से संक्रमित मरीजों को चिह्नित किया जा सकेगा.
इस सर्वे के दौरान यदि कोई लक्षण युक्त व्यक्ति मिलता है तो उसकी तत्काल जांच की जाएगी. जांच में अगर व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो उसको एडमिट कराया जाएगा. संक्रमित होने और अस्पताल में भर्ती होने के बीच के समय को कम करने के लिए निर्देश दिए गए हैं ताकि कोरोना से मृत्यु दर को न्यूनतम किया जा सके. वहीं हवाई सेवा से करीब 45 हजार लोग प्रदेश में आए हैं. प्रदेश में गरीब परिवारों को 10 लाख से अधिक राशन कार्ड बनाए गए हैं. 35 लाख 27 हजार श्रमिकों की स्किल मैपिंग कर चुना गया है.
प्रदेश में बढ़े कोरोना के मामले
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 1,924 नए मामले सामने आए हैं. इस समय प्रदेश में कोरोना के 19,133 एक्टिव केस हैं. कुल संक्रमित मरीजों में से 30,831 मरीज ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किए जा चुके हैं. वहीं अब तक कोरोना से 1,192 लोगों की मौत हुई है. इस समय आइसोलेशन वार्ड में 19,140 लोगों को रखा गया है, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. वहीं फैसिलिटी क्वारंटाइन में 4,809 लोगों को रखा गया है, जिनका सैंपल लेकर जांच कराई जा रही है. कल प्रदेश में 43,401 सैंपल की जांच की गई है. प्रदेश में अब तक 15,13,827 सैंपल्स की जांच की गई है.
लोगों को किया जा रहा सतर्क और जागरूक
वे लोग जिनको आरोग्य सेतु एप से एलर्ट जनरेट हुआ है, उनमें से 3,34,000 लोगों को फोन के जरिए सतर्क किया जा चुका है. उन्हें सेल्फ आइसोलेट होने की सलाह दी गई है. साथ ही अपना ध्यान रखने के लिए भी कहा गया है. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि अब तक कोरोना का कोई इलाज नहीं मिला है, इसलिए लोग अपना ख्याल रखें और सभी प्रोटोकाल का अनुपालन करें. किसी के भी संपर्क में आने से बचें. यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि कोरोना संक्रमित मरीजों में से 80% मरीजों में कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते. दो गज की दूरी बहुत ही जरूरी है. इसके साथ ही जिन क्षेत्रों में संक्रमण बढ़ा हुआ है, उन क्षेत्रों में फिर से डोर टू डोर सर्वे किया जाएगा.