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RSS की सहकार भारती का अधिवेशन 17 से 19 दिसंबर तक, अमित शाह करेंगे शिरकत

आगामी 17, 18 और 19 दिसंबर को सहकारिता भवन में सहकार भारती का राष्ट्रीय अधिवेशन होगा. इसमें केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भाग लेंगे.

अमित शाह.
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Published : Dec 10, 2021, 9:50 PM IST

लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) को लेकर सक्रिय हो चुका है. आगामी 17, 18 और 19 दिसंबर को सहकारिता भवन में सहकार भारती का राष्ट्रीय अधिवेशन होगा. इस अधिवेशन में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 19 दिसंबर को बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे. विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर अमित शाह का राजधानी लखनऊ में यह पहला बड़ा संबोधन होगा.



उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव हो या किसी भी राज्य में चुनाव जहां भारतीय जनता पार्टी सक्रिय है, वहां पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चुनाव अभियान में अंदरखाने अहम भूमिका निभाता है. 2022 विधानसभा चुनाव के मौके पर भी आरएसएस ने सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है.

आजादी के अमृत महोत्सव से संबंधित आयोजनों से आरएसएस ने इस अभियान की शुरुआत की हुई है जिससे प्रदेश में राष्ट्रीयता के भाव का संचार किया जा रहा है. यह नीति कहीं न कहीं भाजपा के एजेंडे को मजबूत करने में मदद कर रही है.

इसके साथ ही 17 से 23 दिसंबर तक लखनऊ में स्वदेशी जागरण मंच का बड़ा मेला भी आयोजित किया जा रहा है यह मेला भी आरएसएस के विभिन्न आयोजनों में से एक है मगर सबसे बड़ा आयोजन सहकार भारती का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन होगा. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में हजारों की संख्या में सहकारी समितियां संचालित हैं. इनसे लाखों लोग जुड़े हुए हैं. इसी के जरिए चुनावी एजेंडे को अमली जामा पहनाया जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः CDS बिपिन रावत और उनकी पत्नी पंचतत्व में विलीन, बेटियों ने दी मुखाग्नि

ऐसे में सहकार भारती का यह राष्ट्रीय अधिवेशन और भी महत्वपूर्ण हो गया है. केंद्र सरकार ने नए गठित किए गए सहकारिता विभाग के साथ में यह पहला अधिवेशन होगा जो कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मौके पर आयोजित किया जा रहा है. यहां गृहमंत्री अमित शाह भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे को और धार देंगे.


सहकार भारतीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश वैद्य राष्ट्रीय मंत्री उदय कुमार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और और साथ में अमित शाह की शिरकत इस अधिवेशन को और भी महत्वपूर्ण बना दे रही है. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक राजकुमार सिंह का इस बारे में कहना है कि आरएसएस हमेशा से भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव में सबसे बड़ा मददगार रहा है. यह संगठन परदे के पीछे ठोस काम करता है. इससे भाजपा के विचारों को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है.



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लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) को लेकर सक्रिय हो चुका है. आगामी 17, 18 और 19 दिसंबर को सहकारिता भवन में सहकार भारती का राष्ट्रीय अधिवेशन होगा. इस अधिवेशन में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 19 दिसंबर को बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे. विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर अमित शाह का राजधानी लखनऊ में यह पहला बड़ा संबोधन होगा.



उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव हो या किसी भी राज्य में चुनाव जहां भारतीय जनता पार्टी सक्रिय है, वहां पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चुनाव अभियान में अंदरखाने अहम भूमिका निभाता है. 2022 विधानसभा चुनाव के मौके पर भी आरएसएस ने सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है.

आजादी के अमृत महोत्सव से संबंधित आयोजनों से आरएसएस ने इस अभियान की शुरुआत की हुई है जिससे प्रदेश में राष्ट्रीयता के भाव का संचार किया जा रहा है. यह नीति कहीं न कहीं भाजपा के एजेंडे को मजबूत करने में मदद कर रही है.

इसके साथ ही 17 से 23 दिसंबर तक लखनऊ में स्वदेशी जागरण मंच का बड़ा मेला भी आयोजित किया जा रहा है यह मेला भी आरएसएस के विभिन्न आयोजनों में से एक है मगर सबसे बड़ा आयोजन सहकार भारती का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन होगा. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में हजारों की संख्या में सहकारी समितियां संचालित हैं. इनसे लाखों लोग जुड़े हुए हैं. इसी के जरिए चुनावी एजेंडे को अमली जामा पहनाया जा रहा है.

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ऐसे में सहकार भारती का यह राष्ट्रीय अधिवेशन और भी महत्वपूर्ण हो गया है. केंद्र सरकार ने नए गठित किए गए सहकारिता विभाग के साथ में यह पहला अधिवेशन होगा जो कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मौके पर आयोजित किया जा रहा है. यहां गृहमंत्री अमित शाह भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे को और धार देंगे.


सहकार भारतीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश वैद्य राष्ट्रीय मंत्री उदय कुमार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और और साथ में अमित शाह की शिरकत इस अधिवेशन को और भी महत्वपूर्ण बना दे रही है. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक राजकुमार सिंह का इस बारे में कहना है कि आरएसएस हमेशा से भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव में सबसे बड़ा मददगार रहा है. यह संगठन परदे के पीछे ठोस काम करता है. इससे भाजपा के विचारों को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है.



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