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लंपी वायरस की आहट ने उड़ाई अधिकारियों की नींद, गृह विभाग ने जारी की एडवाइजरी

यूपी से सटे राज्यों जैसे हरियाणा, राजस्थान व मध्यप्रदेश में गोवंशीय व महिष वंशीय पशुओं मे लंपी बीमारी के फैलते प्रकोप को देखते हुए गृह विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. जिसके तहत पुलिस को भी अधिक सतर्कता बरतने को कहा गया है.

लंपी वायरस.
लंपी वायरस.
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Published : Aug 24, 2022, 10:18 AM IST

Updated : Aug 24, 2022, 1:34 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों हरियाणा, राजस्थान व मध्यप्रदेश में गोवंशीय व महिष वंशीय पशुओं मे लंपी बीमारी के फैलते प्रकोप को देखते हुए गृह विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. जिलों में तैनात प्रशासन व पुलिस विभाग को अधिक सतर्कता बरतने को कहा गया है.

गृह विभाग ने जो एडवाइजरी जारी की है उसके मुताबिक, सीमावर्ती राज्य राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखण्ड और मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश के रास्ते में पड़ने वाले सभी बार्डर चेक पोस्टों खासकर सहारनपुर, मेरठ, आगरा व झांसी बॉर्डर पर निगरानी रखी जाए. साथ ही इन राज्यों से किसी गोवंशीय व महिष वंशीय पशु का उत्तर प्रदेश में एंट्री पर रोक लगा दी जाए.

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के मुताबिक, प्रदेश के सभी जिलों में मौजूद गोवंश व महिष वंश पशुओं को अन्य किसी जिलें में ले जाने पर भी रोक लगाई जाए. खासतौर पर पश्चिम से पूर्व की ओर जा रहे पशुओं को हाइवे चेक पोस्ट और पुलों पर निगरानी करते हुए पूरी तरह से रोका जाए. वहीं, राज्य में अगले आदेशों तक गोवंशीय व महिष वंशीय पशुओं का कोई भी हॉट-मेला नहीं लगाए जाएंगे. संक्रमित गोवंशीय और महिष वंशीय पशुओं के उपचार के लिए पशुपालन विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक उपचार व टीकाकरण कराया जाए.

एडवाइजरी के मुताबिक, संक्रमित गोवंशीय व महिष वंशीय पशुओं के आइसोलेशन, पशु चिकित्सकों के निर्देशों और तत्संबंधी प्रोटोकाल के अन्तर्गत उनके निस्तारण की कार्यवाही भी विशेष सतर्कता बरतते हुए सावधानी व संवेदनशीलता के साथ अमल में लाई जाए. इस संबंध में समय-समय पर भारत सरकार व उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का अनुपालन भी सुनिश्चित किया जाए. साथ ही विषय की संवेदनशीलता के दृष्टिगत जिलों में उक्त दिशा-निर्देशों के अनुपालन व कानून-व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. साथ ही पशुपालन विभाग के संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों का सहयोग किया जाए.

क्या है लंपी वायरस?
दुधारू पशुओं में फैल रहे इस बीमारी को 'गांठदार त्वचा रोग वायरस' यानी एलएसडीवी कहा जाता है. इस बीमारी के लक्षणों में पशुओं को लगातार बुखार रहना, वजन कम होना, लार निकलना, आंख और नाक का बहना, दूध का कम होना, शरीर पर अलग-अलग तरह के नोड्यूल दिखाई देना व चकत्ते जैसी गांठें बन जाना है. बीमारी की चपेट में आने से बचाव के लिए पशुओं को मच्छरों व अन्य कीटों से बचाना जरूरी है. इसके लिए पशुपालकों को पशुओं के बांधने वाले स्थान पर धुआं आदि का प्रबंध करना चाहिए.

इसे भी पढे़ं- यूपी में तेज हुआ कोरोना का संक्रमण, 203 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों हरियाणा, राजस्थान व मध्यप्रदेश में गोवंशीय व महिष वंशीय पशुओं मे लंपी बीमारी के फैलते प्रकोप को देखते हुए गृह विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. जिलों में तैनात प्रशासन व पुलिस विभाग को अधिक सतर्कता बरतने को कहा गया है.

गृह विभाग ने जो एडवाइजरी जारी की है उसके मुताबिक, सीमावर्ती राज्य राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखण्ड और मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश के रास्ते में पड़ने वाले सभी बार्डर चेक पोस्टों खासकर सहारनपुर, मेरठ, आगरा व झांसी बॉर्डर पर निगरानी रखी जाए. साथ ही इन राज्यों से किसी गोवंशीय व महिष वंशीय पशु का उत्तर प्रदेश में एंट्री पर रोक लगा दी जाए.

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के मुताबिक, प्रदेश के सभी जिलों में मौजूद गोवंश व महिष वंश पशुओं को अन्य किसी जिलें में ले जाने पर भी रोक लगाई जाए. खासतौर पर पश्चिम से पूर्व की ओर जा रहे पशुओं को हाइवे चेक पोस्ट और पुलों पर निगरानी करते हुए पूरी तरह से रोका जाए. वहीं, राज्य में अगले आदेशों तक गोवंशीय व महिष वंशीय पशुओं का कोई भी हॉट-मेला नहीं लगाए जाएंगे. संक्रमित गोवंशीय और महिष वंशीय पशुओं के उपचार के लिए पशुपालन विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक उपचार व टीकाकरण कराया जाए.

एडवाइजरी के मुताबिक, संक्रमित गोवंशीय व महिष वंशीय पशुओं के आइसोलेशन, पशु चिकित्सकों के निर्देशों और तत्संबंधी प्रोटोकाल के अन्तर्गत उनके निस्तारण की कार्यवाही भी विशेष सतर्कता बरतते हुए सावधानी व संवेदनशीलता के साथ अमल में लाई जाए. इस संबंध में समय-समय पर भारत सरकार व उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का अनुपालन भी सुनिश्चित किया जाए. साथ ही विषय की संवेदनशीलता के दृष्टिगत जिलों में उक्त दिशा-निर्देशों के अनुपालन व कानून-व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. साथ ही पशुपालन विभाग के संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों का सहयोग किया जाए.

क्या है लंपी वायरस?
दुधारू पशुओं में फैल रहे इस बीमारी को 'गांठदार त्वचा रोग वायरस' यानी एलएसडीवी कहा जाता है. इस बीमारी के लक्षणों में पशुओं को लगातार बुखार रहना, वजन कम होना, लार निकलना, आंख और नाक का बहना, दूध का कम होना, शरीर पर अलग-अलग तरह के नोड्यूल दिखाई देना व चकत्ते जैसी गांठें बन जाना है. बीमारी की चपेट में आने से बचाव के लिए पशुओं को मच्छरों व अन्य कीटों से बचाना जरूरी है. इसके लिए पशुपालकों को पशुओं के बांधने वाले स्थान पर धुआं आदि का प्रबंध करना चाहिए.

इसे भी पढे़ं- यूपी में तेज हुआ कोरोना का संक्रमण, 203 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव

Last Updated : Aug 24, 2022, 1:34 PM IST
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