लखनऊ: भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian Men’s Hockey Team) टोक्यो ओलंपिक-2020 (Tokyo Olympics 2020) में कांस्य पदक के मैच में 5-4 से आगे थी और आखिरी 6 सेकेंड में जर्मनी को पेनल्टी कॉर्नर मिला था. भारतीय टीम की दीवार कहे जाने वाले गोलकीपर पीआर. श्रीजेश (PR Sreejesh) ने जर्मनी के ड्रैग फिल्कर के स्ट्रोक को रोकते हुए भारत के लिए कांस्य पदक को पक्का कर दिया और इसी के साथ भारत का ओलंपिक में हॉकी में पदक का 41 साल का सूखा खत्म हो गया. भारतीय हॉकी टीम की इस जीत में गोलकीपर श्रीजेश का महत्वपूर्ण योगदान रहा. यूं कहा जाए कि अगर भारत कांस्य पदक जीता तो इसमें श्रीजेश का रोल सबसे उम्दा था.
हॉकी में विश्व पटल पर भारत का नाम रोशन करने वाली हॉकी टीम के खिलाड़ियों का यूपी की राजधानी लखनऊ के अटल बिहारी बाजपेई इकाना स्टेडियम में सम्मान किया गया. 'ईटीवी भारत' ने इंडियन हॉकी टीम के होनहार गोलकीपर श्रीजेश से एक्सक्लूसिव बातचीत की.
सवाल: अगर कहा जाए आपकी वजह से हमारी टीम में करिश्मा कर पाई, क्या कहना है?
जवाब: मैं अकेले कुछ नहीं कर सकता हूं. अकेले श्रीजेश ने कुछ नहीं किया है. मैंने गोल रोके और हमारी टीम ने गोल मारे तो पूरी टीम ने मिलकर यह जीत हासिल की है.
सवाल: वैसे तो सभी राज्य खिलाड़ियों को सम्मान दे रहे हैं लेकिन यूपी ने जिस तरह से हारे हुए खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया इसके बारे में क्या कहना है?
जवाब: इसी को बोलते हैं स्पोर्ट्समैनशिप. ओलंपिक में पार्टिसिपेशन होना ही बहुत बड़ी बात है. आज जो यूपी सरकार ने किया है. वह सभी राज्यों की गवर्नमेंट के लिए एक उदाहरण है. यूपी सरकार की तरफ से जो जीता है और जो हारा है उन सभी को एक ही तरह का सम्मान दिया गया है. आज जो यंग लड़के यहां पर आए थे. उनके लिए भी बहुत सारा ऑफर चीफ मिनिस्टर ने दिया है तो उनके लिए आगे बहुत अच्छा होगा. मेरे हिसाब से अब उड़ीसा के बाद उत्तर प्रदेश ही होगा अगला स्पोर्ट्समैन स्टेट.
सवाल: खिलाड़ी हर देश में होते हैं लेकिन वर्तमान में जो अफगानिस्तान और तालिबान की स्थिति है उस पर आप क्या कहेंगे?
जवाब: हर जगह पीसफुल होना चाहिए. पूरे विश्व में शांति हो, इसके अलावा हम और क्या बोल सकते हैं. हम वहां के खिलाड़ियों के लिए प्रार्थना करते हैं.
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