लखनऊ: 1980 मॉस्को ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे रवींद्र पाल सिंह की कोरोना जांच रिपोर्ट गुरुवार को निगेटिव आई है. वे बीते कई दिनों से कोरोना से पीड़ित थे. रविंद्र पाल का इलाज निरालानगर स्थित विवेकानंद पॉलिक्लीनिक के कोविड वार्ड में चल रहा है. वे यहां 26 अप्रैल को भर्ती किए गए थे.
11 अप्रैल को कोरोना संक्रमित होने की हुई थी पुष्टि
भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त रविंद्र पाल सिंह की तबीयत बिगड़ने पर 11 अप्रैल को उनका आरटीपीसीआर टेस्ट कराया गया, जिसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई. इसके बाद उनका होम आइसोलेशन में इलाज चलता रहा, लेकिन इस दौरान उनका शुगर लेवल बढ़ गया. हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें 22 अप्रैल को चौक स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया.
उस अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी थी, इसलिए उन्हें अमौसी स्थित टीएस मिश्रा अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन, हालात में सुधार नहीं होने पर परिजनों ने उन्हें 26 अप्रैल को विवेकानंद पॉलिक्लीनिक में भर्ती कराया. रविंद्र पाल को कोरोना संक्रमण के साथ फेफड़े में इंफेक्शन की भी शिकायत है.
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परिवार ने मदद की लगाई गुहार
गुरुवार को रविंद्र पाल की रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आई, जिसके बाद उन्हें आईसीयू से नॉन आईसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. रविंद्र के इलाज में रोजाना 30 हजार रुपये का खर्चा है, इस तरह अब तक करीब 5 लाख रुपये इलाज में खर्च हुए हैं. रविंद्र पाल की भांजी प्रज्ञा यादव ने बताया कि मामा के फेफड़े में इंफेक्शन के चलते उनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है. वे अभी भी ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.
रविंद्र पाल सिंह को भारतीय जीवन बीमा के माध्यम से भारत सरकार से 20 हजार रुपये और भारतीय स्टेट बैंक से 25 हजार रुपये मासिक पेंशन मिलती है. जब अस्पताल का खर्चा ज्यादा आने लगा तो उनके परिवार ने सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई. इसके बाद हॉकी इंडिया की हाई परफॉर्मेंस एंड डेवलपमेंट कमेटी के चेयरमैन और यूपी के खेल निदेशक डॉ. आरपी सिंह ने पहल की और हॉकी इंडिया की तरफ से 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद की मंजूरी दी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रविंद्र पाल के इलाज में जरूरत पड़ने पर यूपी सरकार की तरफ से भी मदद की जाएगी. इसके अलावा आईपीएस अधिकारी लक्ष्मी सिंह ने भी उन्हें दो लाख रुपये की आर्थिक मदद का चेक भेजा है.