लखनऊ : लखनऊ यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह के आयोजनों के बीच सोमवार का दिन खेल में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए यादगार रहा. यूनिवर्सिटी के कई पूर्व छात्र जब क्रीड़ा प्रांगण में हॉकी स्टिक के साथ उतरे तो वर्तमान टीम के खिलाड़ी जोश से भर गए. आखिर युवाओं के सामने हॉकी के दिग्गज चुनौती पेश कर रहे थे. 20 मिनट के खेल ने उन्हें ताउम्र के लिए खूबसूरत यादें दे दीं.
विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हॉकी खिलाड़ियों में रवींद्र पाल, सुजीत कुमार (ओलंपियन), रजनीश मिश्रा (इंटरनेशनल हॉकी खिलाड़ी), ध्यानचंद के पुत्र देवेंद्र ध्यानचंद, भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर नेगी रिजवी( इंटरनेशनल हॉकी खिलाड़ी) और मुकुल शाह शामिल थे. हॉकी के इन सूरमाओं के लिए भी शताब्दी समारोह का यह मैच यादगार बन गया. बता दें कि रविंद्र पाल 1980 के उस ओलंपिक टीम का हिस्सा रहे, जिसमें भारत ने स्वर्ण पदक प्राप्त किया था.
मैच के बाद देवेंद्र ध्यानचंद ने बताया कि उनके पिता ध्यानचंद ने 1936, 1928 और 1932 के ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीता था. उन्होंने भी सन 1975 में लखनऊ के स्पोटर्स हॉस्टल में दाखिला लिया तो हॉकी खेलना शुरू किया. देवेंद्र 1980 तक उत्तर प्रदेश टीम की ओर खेले. 1983 में भारत के वर्ल्ड कप टीम के सदस्य बने. उनके गुरु के.डी सिंह बाबू और झम्मन लाल शर्मा थे. देवेश ध्यानचंद ने बताया कि दोबारा लखनऊ विश्वविद्यालय में मैच खेलकर उन्हें बहुत अच्छा लगा. पुरानी यादें कुछ ताजा हो गईं.
लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र रहे पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रजनीश मिश्रा ने भारत के लिए करीबन 110 मैच खेले है. उनका कहना है कि आज के समय में जिस तरह से क्रिकेट को बढ़ावा मिल रहा है, उसकी तुलना में हॉकी मैच बहुत पीछे जाता दिख रहा था. लेकिन अब धीरे-धीरे हॉकी भी अपनी जगह बना रहा है.
हॉकी मैच के उद्घाटन के मौके पर विद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय ,कुल सचिव विनोद सिंह, मुख्य कुलानुशासक प्रोफेसर दिनेश कुमार, लखनऊ विश्वविद्यालय एथलेटिक एसोसिएशन के सचिव प्रोफ़ेसर देश दीपक, प्रोफेसर के के अग्रवाल, पवन अग्रवाल और डॉ. नीरज जैन उपस्थित रहे.