लखनऊ: कानपुर के चर्चित बिकरू कांड के बाद भी पुलिस और प्रशासन अपराधियों पर शिकंजा कसने के नाम पर बस खेल करने में जुटा हुआ है. जिसके जीता जागता उदाहरण लखनऊ के विभूति खंड में हुए गैंगवार से निकलकर सामने आया है. मऊ से जिला बदर दो दर्जन से अधिक मुकदमों में नामजद अजीत सिंह लाइसेंसी असलहा के साथ राजधानी में रह रहा था. जिस पर बुधवार की बीती रात हमला हुआ. जिसमें अजीत सिंह की तरफ से भी फायरिंग की गई थी. कठौता चौराहा के पास हुए इस गैंगवार में अजीत सिंह की मौत हो गई. जबकि उसके दो साथी और एक पिज्जा डिलीवरी ब्वॉय घायल हुए थे. जिनका लोहिया हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है.
लखनऊ में रह रहा था हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह
जानकारी के मुताबिक मृतक अजीत सिंह पर विधायक सर्वेश सिंह की हत्या का भी आरोप था. उसके पास एक बुलेट प्रूफ गाड़ी भी थी. जिस पर सचिवालय का पास लगा हुआ था. इससे अपराधी की पहुंच और रसूख का साफ पता चलता है.
सचिवालय तक थी हिस्ट्रीशीटर की पहुंच
विभूतिखंड थाना क्षेत्र में बुधवार देर रात खुलेआम गैंगवार में हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह को गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अजीत सिंह पर 22 मुकदमे दर्ज थे. जिसमें 5 मुकदमे हत्या के भी शामिल हैं. अजीत सिंह ने 19 जुलाई 2013 को जीयनपुर सीट से विधायक के घर मे घुसकर हत्या करने का भी आरोप था. अजीत सिंह ने कुण्टू, कुनकुन सिंह और गिरधारी सिंह के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था.