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काशीपुर से संसद तक पहुंची तीन तलाक की गूंज, जानें सायरा का सफर

सायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके तीन तलाक, हलाला निकाह और बहुविवाह की व्यवस्था को असंवैधानिक घोषित किए जाने की मांग की थी. बानो ने मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एप्लीकेशन कानून 1937 की धारा 2 की संवैधानिकता को चुनौती दी थी.

संसद तक पहुंची तीन तलाक की गूंज
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Published : Jul 31, 2019, 11:57 AM IST

देहरादून: लोकसभा के बाद तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) राज्यसभा से भी पास हो गया. बिल के समर्थन में 99, जबकि विरोध में 84 वोट पड़े. BJD ने इस बिल का समर्थन किया, वहीं JDU, AIADMK और TRS ने वॉकआउट किया. PDP और BSP भी वोटिंग में शामिल नहीं हुई. तीन तलाक की गूंज यूं ही संसद नहीं पहुंची. इसके लिए उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली सायरा बानो ने लंबी लड़ाई लड़ी है. आएये आपको बताते हैं कौन है सायरा बानो.

संसद तक पहुंची तीन तलाक की गूंज.

पढ़ें- जल्द 'शायरा' में नजर आएगी शायरा बानो की कहानी, तीन तलाक के खिलाफ आवाज की थी बुलंद

काशीपुर के हेमपुर डिपो निवासी सायरा बानो का 2002 में इलाहाबाद के रिजवान अहमद के साथ निकाह हुआ था. निकाह के कुछ साल बाद ससुराली दहेज की खातिर सायरा को परेशान करने लगे. सायरा के दो बच्चे हैं. पति और ससुरालवालों के उत्पीड़न से तंग सायरा मायके चली गई तो रिजवान ने 10 अक्टूबर 2015 को तीन बार तलाक लिखकर डाक के जरिये पत्र ससुराल भेज दिया.

पढ़ें- सरोवर नगरी में गुलदार का आतंक, दो लोगों पर किया जानलेवा हमला

इस पर सायरा ने काशीपुर की फैमिली कोर्ट में 4 जुलाई 2016 को बच्चों की कस्टडी और भरण-पोषण की याचिका दायर की. जब रिवजान कोर्ट में पेश नहीं हुआ तो सायरा ने मार्च 2017 में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर ट्रिपल तलाक की संवैधानिकता को चुनौती दी थी. साथ ही उनकी याचिका में मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह प्रथा को भी गलत बताते हुए उसे खत्म करनी की मांग की गई थी. अर्जी में सायरा ने कहा था कि तीन तलाक संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

  • तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली सायरा बानो जल्द ही बड़े पर्दे पर दिखने वाली हैं.
  • फिल्म निर्माता नितिन ने सायरा से बायोपिक बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था.
  • फिल्म का नाम सायरा रखा जाएगा.
  • 2018 में काशीपुर कोर्ट में सायरा बानो और उसके पति रिजवान के बीच नोकझोंक भी हुई थी. इस दौरान सायरा ने रिजवान को तमाचा जड़ दिया था.
  • कुछ समय पहले सायरा बानो ने देहरादून स्थित बीजेपी मुख्यालय में अपने पिता के साथ बीजेपी जॉइन की थी.

देहरादून: लोकसभा के बाद तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) राज्यसभा से भी पास हो गया. बिल के समर्थन में 99, जबकि विरोध में 84 वोट पड़े. BJD ने इस बिल का समर्थन किया, वहीं JDU, AIADMK और TRS ने वॉकआउट किया. PDP और BSP भी वोटिंग में शामिल नहीं हुई. तीन तलाक की गूंज यूं ही संसद नहीं पहुंची. इसके लिए उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली सायरा बानो ने लंबी लड़ाई लड़ी है. आएये आपको बताते हैं कौन है सायरा बानो.

संसद तक पहुंची तीन तलाक की गूंज.

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काशीपुर के हेमपुर डिपो निवासी सायरा बानो का 2002 में इलाहाबाद के रिजवान अहमद के साथ निकाह हुआ था. निकाह के कुछ साल बाद ससुराली दहेज की खातिर सायरा को परेशान करने लगे. सायरा के दो बच्चे हैं. पति और ससुरालवालों के उत्पीड़न से तंग सायरा मायके चली गई तो रिजवान ने 10 अक्टूबर 2015 को तीन बार तलाक लिखकर डाक के जरिये पत्र ससुराल भेज दिया.

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इस पर सायरा ने काशीपुर की फैमिली कोर्ट में 4 जुलाई 2016 को बच्चों की कस्टडी और भरण-पोषण की याचिका दायर की. जब रिवजान कोर्ट में पेश नहीं हुआ तो सायरा ने मार्च 2017 में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर ट्रिपल तलाक की संवैधानिकता को चुनौती दी थी. साथ ही उनकी याचिका में मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह प्रथा को भी गलत बताते हुए उसे खत्म करनी की मांग की गई थी. अर्जी में सायरा ने कहा था कि तीन तलाक संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

  • तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली सायरा बानो जल्द ही बड़े पर्दे पर दिखने वाली हैं.
  • फिल्म निर्माता नितिन ने सायरा से बायोपिक बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था.
  • फिल्म का नाम सायरा रखा जाएगा.
  • 2018 में काशीपुर कोर्ट में सायरा बानो और उसके पति रिजवान के बीच नोकझोंक भी हुई थी. इस दौरान सायरा ने रिजवान को तमाचा जड़ दिया था.
  • कुछ समय पहले सायरा बानो ने देहरादून स्थित बीजेपी मुख्यालय में अपने पिता के साथ बीजेपी जॉइन की थी.
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तीन तलाक के खिलाफ जंग को अंजाम तक पहुंचाया काशीपुर की सायरा बानो ने, जानिए कैसे कोर्ट पहुंचा मामला  

देहरादून: लोकसभा के बाद तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) राज्यसभा से भी पास हो गया. बिल के समर्थन में 99, जबकि विरोध में 84 वोट पड़े. BJD ने इस बिल का समर्थन किया, वहीं JDU, AIADMK और TRS ने वॉकआउट किया. PDP और BSP भी वोटिंग में शामिल नहीं हुई. तीन तलाक की गूंज यूं ही ससद नहीं पहुंची. इसके लिए उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली सायरा बानो ने लंबी लड़ाई लड़ी है. आएये आपको बताते हैं कौन है सायरा बानो. 

काशीपुर के हेमपुर डिपो निवासी सायरा बानो का 2002 में इलाहाबाद के रिजवान अहमद के साथ निकाह हुआ था. निकाह के कुछ साल बाद ससुराली दहेज की खातिर सायरा को परेशान करने लगे. सायरा के दो बच्चे हैं. पति व ससुराल वालों के उत्पीड़न से तंग सायरा मायके चली गई तो रिजवान ने 10 अक्टूबर 2015 को तीन बार तलाक लिखकर डाक के जरिये पत्र ससुराल भेज दिया. 

इस पर सायरा ने काशीपुर की फैमिली कोर्ट में 4 जुलाई 2016 को बच्चों की कस्टडी और भरण-पोषण की याचिका दायर की. जब रिवजान कोर्ट में पेश नहीं हुआ तो सायरा ने मार्च 2017 में  सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर ट्रिपल तलाक की संवैधानिकता को चुनौती दी थी. साथ ही, उनकी याचिका में मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह प्रथा को भी गलत बताते हुए उसे खत्म करनी की मांग की गई थी. अर्जी में सायरा ने कहा था कि तीन तलाक संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. 

 


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