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राजस्थान की तर्ज पर यूपी के ऐतिहासिक भवनों का कराया जाएगा सुंदरीकरण

यूपी में राजस्थान की तर्ज पर ऐतिहासिक भवनों का सुंदीकरण सरकार कराएगी. इससे प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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राजस्थान के तर्ज पर प्रदेश के ऐतिहासिक भवनों का सौन्दर्यीकरण कराकर पर्यटकों को किया जायेगा आकर्षित: जयवीर सिंह
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Published : Mar 22, 2023, 6:33 PM IST

लखनऊः प्रदेश में 3टी ट्रेड, टेक्नोलॉजी तथा टूरिज्म को अपनाकर हेरीटेज टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए सरकार ने पूरी रूपरेखा बना ली है. उत्तर प्रदेश में राजस्थान की तरह उत्तर प्रदेश के पुराने किलों, इमारतों एवं महलों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा. इसके साथ ही इन ऐतिहासिक धरोहरों को हेरिटेज सर्किट में शामिल करके बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाएगा. इसके अलावा इनकी मार्केटिंग तथा ब्रान्डिंग के साथ ही व्यापक प्रचार-प्रसार करके अधिक से अधिक देशी-विदेशी सैलानियों को आकर्षित किया जाएगा. इससे उप्र में रोजगार के साथ-साथ आमदनी के नए रास्ते खुलेंगे. यह बात उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कही. वह बुधवार को विधानभवन स्थित तिलक हाल में प्रदेश में स्थित किलों, महलों आदि को पीपीपी माडल पर विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने के लिए आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भैरव सिंह शेखावत ने पुराने किलों को होटल का रूप देकर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाया था. यह प्रयोग काफी सफल रहा. इसी तर्ज पर प्रदेश में पुरानी इमारतों को होटल के रूप में विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने की रणनीति बनाई गयी है.


मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि उप्र में निवेशकों के लिए पर्यटन नीति-2022 में आकर्षक सुविधाओं के साथ ही सब्सिडी एवं विभिन्न प्रकार की छूट की व्यवस्था की गई है. उप्र में औद्योगिक एवं पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इंस्पेक्टरराज और लाल फीताशाही को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है. इसके अलावा बेकार एवं अनुपयोगी कानूनों को भी खत्म किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के बाद से प्रदेश की स्थिति में व्यापक बदलाव आया है. अब यह बीमारू राज्य के चक्रव्यूह से निकलकर अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में आगे बढ़ रहा है.

पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में कारोबार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य सरकार पूरी ईमानदारी एवं पारदर्शिता के साथ निवेशकों के साथ खड़ी है. रेल, रोड, सड़क, वायु तथा हेलीपोर्ट एवं अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी विकसित की गई है. उन्होंने कहा कि यूपी की क्षमता एवं सामर्थ्य लगातार बढ़ती जा रही है. इसके फलस्वरूप दस लाख करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष 33 लाख 50 हजार करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ है.

उत्तर प्रदेश अब सर्वोत्तम प्रदेश की राह पर चल पड़ा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 3टी-ट्रेंड, टेक्नोलॉजी एवं टूरिज्म पर विशेष जोर दिया जा रहा है. जयवीर सिंह ने निवेशकों को आवाह्न किया कि पुराने ऐतिहासिक भवनों को पीपीपी मॉडल पर विकसित कर उप्र को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें. उन्होंने कहा कि इससे पुरानी इमारतें सुरक्षित एवं संरक्षित रहेंगी तथा देशी-विदेशी पर्यटकों को किला एवं महलों में ठहरने की अनुभूति प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद उप्र बने और देश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन सेक्टर का अधिकतम योगदान सुनिश्चित हो सके.

ये भी पढ़ेंः 3.5 फीट के रेहान जुबेरी के घर गूंजी किलकारी, तीन फीट की तहसीन ने दिया बच्ची को जन्म

लखनऊः प्रदेश में 3टी ट्रेड, टेक्नोलॉजी तथा टूरिज्म को अपनाकर हेरीटेज टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए सरकार ने पूरी रूपरेखा बना ली है. उत्तर प्रदेश में राजस्थान की तरह उत्तर प्रदेश के पुराने किलों, इमारतों एवं महलों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा. इसके साथ ही इन ऐतिहासिक धरोहरों को हेरिटेज सर्किट में शामिल करके बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाएगा. इसके अलावा इनकी मार्केटिंग तथा ब्रान्डिंग के साथ ही व्यापक प्रचार-प्रसार करके अधिक से अधिक देशी-विदेशी सैलानियों को आकर्षित किया जाएगा. इससे उप्र में रोजगार के साथ-साथ आमदनी के नए रास्ते खुलेंगे. यह बात उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कही. वह बुधवार को विधानभवन स्थित तिलक हाल में प्रदेश में स्थित किलों, महलों आदि को पीपीपी माडल पर विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने के लिए आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भैरव सिंह शेखावत ने पुराने किलों को होटल का रूप देकर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाया था. यह प्रयोग काफी सफल रहा. इसी तर्ज पर प्रदेश में पुरानी इमारतों को होटल के रूप में विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने की रणनीति बनाई गयी है.


मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि उप्र में निवेशकों के लिए पर्यटन नीति-2022 में आकर्षक सुविधाओं के साथ ही सब्सिडी एवं विभिन्न प्रकार की छूट की व्यवस्था की गई है. उप्र में औद्योगिक एवं पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इंस्पेक्टरराज और लाल फीताशाही को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है. इसके अलावा बेकार एवं अनुपयोगी कानूनों को भी खत्म किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के बाद से प्रदेश की स्थिति में व्यापक बदलाव आया है. अब यह बीमारू राज्य के चक्रव्यूह से निकलकर अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में आगे बढ़ रहा है.

पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में कारोबार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य सरकार पूरी ईमानदारी एवं पारदर्शिता के साथ निवेशकों के साथ खड़ी है. रेल, रोड, सड़क, वायु तथा हेलीपोर्ट एवं अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी विकसित की गई है. उन्होंने कहा कि यूपी की क्षमता एवं सामर्थ्य लगातार बढ़ती जा रही है. इसके फलस्वरूप दस लाख करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष 33 लाख 50 हजार करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ है.

उत्तर प्रदेश अब सर्वोत्तम प्रदेश की राह पर चल पड़ा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 3टी-ट्रेंड, टेक्नोलॉजी एवं टूरिज्म पर विशेष जोर दिया जा रहा है. जयवीर सिंह ने निवेशकों को आवाह्न किया कि पुराने ऐतिहासिक भवनों को पीपीपी मॉडल पर विकसित कर उप्र को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें. उन्होंने कहा कि इससे पुरानी इमारतें सुरक्षित एवं संरक्षित रहेंगी तथा देशी-विदेशी पर्यटकों को किला एवं महलों में ठहरने की अनुभूति प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद उप्र बने और देश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन सेक्टर का अधिकतम योगदान सुनिश्चित हो सके.

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