लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब किसी भी जरूरतमंद की कॉल ड्रॉप नहीं होगी इसके लिए जिलाधिकारी कार्यालय कलेक्ट्रेट में एक हाईटेक कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है. यह हाई टेक कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करेगा.
नोडल अधिकारी करेंगे समाधान
कलेक्ट्रेट में बन रहे हाईटेक कंट्रोल रूम में एक ऑटोमेटेड कॉल रिसीवर लगाया गया है, जिससे कॉल ऑपरेटर के पास कॉल कनेक्ट होगी और वहां मौजूद नोडल अधिकारी कम समय में समस्या का समाधान करेंगे. इसके बाद यह अधिकारी कॉल करने वाले को अपडेट भी करेंगे.
किया जाएगा नेटवर्क सिस्टम तैयार
महामारी बन चुके कोरोना वायरस से सभी परेशान हैं इस बीच लॉकडाउन में लोगों को राहत के लिए जिला प्रशासन मुस्तैद है. कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम को लूट लाइन और पीआरआई सिस्टम (प्राइमरी रेट इंटरफ़ेस सिस्टम) से जोड़ा जाएगा. यहां पर 10 कंप्यूटर को लगाकर एक नेटवर्क सिस्टम तैयार किया जाएगा, जो हर कॉल ऑटोमैटिक रिसीव करेगा.
नोडल अधिकारी लेंगे फीडबैक
कॉल रिसीव करने वाले इसकी सूचना वहां मौजूद नोडल अधिकारी को देंगे. यह नोडल अधिकारी संबंधित अधिकारी से फीडबैक लेकर 1 घंटे के अंदर कॉल करने वाले को अपडेट करेंगे.
प्रदेश का पहला हाईटेक कंट्रोल रूम
राजधानी के कलेक्ट्रेट में बन रहा यह कंट्रोल रूम अत्याधुनिक है. यह प्रदेश का पहला हाईटेक कंट्रोल रूम होगा, जो 24 घंटे काम करेगा. यहां कर्मचारियों की 3 शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई है. इस मामले पर जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश का कहना है कि अब मदद के लिए आने वाले फोन रिसीव न होने और कट जाने की समस्या का समाधान होगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों की समस्या का निस्तारण भी हो पाएगा.
प्रदेश में रविवार को कोरोना संक्रमित 40 नए मरीजों की पहचान की गई है. इनमें से 6 राजधानी में चिन्हित किए गए हैं. अभी तक पॉजिटिव केसों की संख्या 280 के करीब हो गई है, जिनमें 138 तब्लीगी जमात के है.