लखनऊ: साढ़े सात टन सकल भार वाले सभी वाहनों के लिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य कर दी गई है. 15 अक्टूबर तक इन वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाया जाना अनिवार्य है. इससे कम भार वाले कमर्शियल वाहनों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवानी होगी. ऐसे वाहनों को अब तभी फिटनेस प्रमाण पत्र मिलेगा, जब उनके वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगी होगी. प्राइवेट वाहनों के लिए भी सुरक्षा के दृष्टि से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य की गई है, लेकिन उनके लिए समय की बाध्यता नहीं है.
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, साढ़े सात टन सकल भार वाले वाहनों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाया जाना अनिवार्य कर दिया गया है. इन्हें 15 अक्टूबर तक का समय दिया गया है. अपने डीलर के यहां आवेदन कर वाहन स्वामी अपने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवा लें. इसके बाद ऐसे वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग अभियान चलाएगा. ऐसे में एक अप्रैल 2019 से पहले वाले इन वाहनों को अपने वाहनों में डीलर के माध्यम से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवानी होगी. इससे कम भार वाले कमर्शियल वाहनों को भी अब बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के फिटनेस नहीं मिलेगा. फिटनेस प्रमाण पत्र लेने के लिए अब उन्हें भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवानी होगी.
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में अभी साढ़े सात टन वाले वाहनों के लिए ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य की गई है. दरअसल परीक्षण में यह सामने आया है कि कई वाहनों में नंबर प्लेट में नंबर गायब है या स्पष्ट नहीं लिखे हैं. इसी के चलते यह कदम उठाया गया. पहले चरण में साढ़े सात टन सकल भार वाले वाहनों के लिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य की गई है. पिछले वर्ष 1 अप्रैल से नए वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ही लगाई जा रही है.
एआरटीओ (प्रशासन) अंकिता शुक्ला ने बताया कि 1 अप्रैल 2019 के पहले से पंजीकृत और संचालित व्यवसायिक वाहन स्वामी 15 अक्टूबर के बाद स्वच्छता प्रमाण पत्र प्राप्त करते समय अपनी वाहन पर तीसरे रजिस्ट्रेशन चिन्ह सहित हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट वाहन विनिर्माता के डीलर के माध्यम से लगवाना सुनिश्चित करें. नियत तिथि के बाद बिना हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगे फिटनेस प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किए जाएंगे.