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लखनऊ: हाईकोर्ट ने सरकार और लोक सेवा आयोग से मांगा विस्तृत जवाब

लखनऊ हाईकोर्ट में न्यायलय के समक्ष एपीओ भर्ती परीक्षा परिणाम में वेटिंग लिस्ट में रह गए अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिला की मांग की है. याचिकाओं का कहना है कि लगभग 62 सीटें चयनित अभ्यर्थियों द्वारा ज्वाइन न करने के कारण खाली रह गई है, जिसकी अगली सुनवाई 5 सितम्बर को की जाएगी.

लखनऊ हाईकोर्ट
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Published : Aug 27, 2019, 11:07 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) के रिक्त हो गई सीटों को भरने की वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों ने याचिकाओं दाखिल करने की मांग की गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने राज्य सरकार और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से विस्तृत जवाब मांगा हैं.

याचिका दाखिला के लिए अभ्यर्थियों ने की मांग -

न्यायालय के समक्ष एपीओ भर्ती परीक्षा परिणाम में वेटिंग लिस्ट में रह गए अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल कर उक्त मांग की है. इसको लेकर मामले की अगली सुनवाई 5 सितम्बर को की जाएगी. यह आदेश जस्टिस राजेश सिंह चौहान की एकल सदस्यीय पीठ ने शैलेष सिंह और अन्य अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर पारित किया गया है. याचिकाओं का कहना है कि सहायक अभियोजन अधिकारी भर्ती परीक्षा के चयनित उम्मीदवारों की सूची 30 अप्रैल 2018 को जारी की गई थी जिसमें कि याचिकाओं का नाम वेटिंग लिस्ट में था.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊः केजीएमयू में घटनाओं पर नजर रखने के लिए आए कैमरे डिब्बे में ही बंद पड़े रह गए

याचिकाओं की ओर से कहा गया कि लगभग 62 सीटें चयनित अभ्यर्थियों द्वारा ज्वाइन न करने के कारण खाली हो गई है. ऐसे में यदि राज्य सरकार वेटिंग लिस्ट को खोलती है तो उनके चयन होने की सम्भावना होगी. विभिन्न शासनादेशों और नियमों का हवाला देते हुए कहा गया है कि सरकार को वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों को बुलाना चाहिए और यह भी दलील दी गई कि वेटिंग लिस्ट का निस्तारण एक वर्ष में कर दिया जाना चाहिए. इसको लेकर न्यायलाय ने सरकार व आयोग से विस्तृत जवाब मांगा है.

लखनऊ: हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) के रिक्त हो गई सीटों को भरने की वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों ने याचिकाओं दाखिल करने की मांग की गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने राज्य सरकार और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से विस्तृत जवाब मांगा हैं.

याचिका दाखिला के लिए अभ्यर्थियों ने की मांग -

न्यायालय के समक्ष एपीओ भर्ती परीक्षा परिणाम में वेटिंग लिस्ट में रह गए अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल कर उक्त मांग की है. इसको लेकर मामले की अगली सुनवाई 5 सितम्बर को की जाएगी. यह आदेश जस्टिस राजेश सिंह चौहान की एकल सदस्यीय पीठ ने शैलेष सिंह और अन्य अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर पारित किया गया है. याचिकाओं का कहना है कि सहायक अभियोजन अधिकारी भर्ती परीक्षा के चयनित उम्मीदवारों की सूची 30 अप्रैल 2018 को जारी की गई थी जिसमें कि याचिकाओं का नाम वेटिंग लिस्ट में था.

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याचिकाओं की ओर से कहा गया कि लगभग 62 सीटें चयनित अभ्यर्थियों द्वारा ज्वाइन न करने के कारण खाली हो गई है. ऐसे में यदि राज्य सरकार वेटिंग लिस्ट को खोलती है तो उनके चयन होने की सम्भावना होगी. विभिन्न शासनादेशों और नियमों का हवाला देते हुए कहा गया है कि सरकार को वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों को बुलाना चाहिए और यह भी दलील दी गई कि वेटिंग लिस्ट का निस्तारण एक वर्ष में कर दिया जाना चाहिए. इसको लेकर न्यायलाय ने सरकार व आयोग से विस्तृत जवाब मांगा है.

सहायक अभियोजन अधिकारी भर्ती में रिक्त हो गई सीटों को वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों ने की भरने की मांग 
हाईकोर्ट ने सरकार और लोक सेवा आयोग से मांगा विस्तृत जवाब 

विधि संवाददाता 
लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) के रिक्त हो गई सीटों को भरने की वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों द्वारा याचिओका दाखिल करते हुए की गई है याचिका पर सुनवाई करते हुए, न्यायालय ने राज्य सरकार व उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से विस्तृत जवाब मांगा है। न्यायालय के समक्ष एपीओ भर्ती परीक्षा परिणाम में वेटिंग लिस्ट में रह गए अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल कर उक्त मांग की है। मामले की अगली सुनवाई 5 सितम्बर को होगी  

    यह आदेश जस्टिस राजेश सिंह चौहान की एकल सदस्यीय पीठ ने शैलेष सिंह व अन्य अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर पारित किया। याचियों का कहना है कि सहायक अभियोजन अधिकारी भर्ती परीक्षा के चयनित उम्मीदवारों की सूची 30 अप्रैल 2018 को जारी की गई थी जिसमें याचियों का नाम वेटिंग लिस्ट में था। याचियों की ओर से कहा गया कि लगभग 62 सीटें चयनित अभ्यर्थियों द्वारा ज्वाइन न करने के कारण खाली हो गईं। ऐसे में यदि राज्य सरकार वेटिंग लिस्ट को खोलती है तो उनके चयन होने की सम्भावना होगी। याचियों की ओर से विभिन्न शासनादेशों व नियमों का हवाला देते हुए, कहा गया कि सरकार को वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों को बुलाना चाहिए। याचियों की ओर से यह भी दलील दी गई कि वेटिंग लिस्ट का निस्तारण एक वर्ष में कर दिया जाना चाहिए। इस पर न्यायलाय ने सरकार व आयोग से विस्तृत जवाब मांगा है। 


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Chandan Srivastava
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