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लखनऊ विकास प्राधिकरण से हाईकोर्ट ने किया जवाब-तलब

उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से शहर के आवासीय इलाकों में शैक्षिक संस्थानों को चलाने की अनुमति देने के मामले में जवाब-तलब किया है.

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लखनऊ विकास प्राधिकरण से हाईकोर्ट ने किया जवाब तलब.
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Published : Feb 12, 2020, 9:07 AM IST

लखनऊ: आवासीय इलाकों में शैक्षिक संस्थान चलाने के मामले में एलडीए द्वारा जवाब न दाखिल करने पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. अगली सुनवाई तक जवाब नहीं देने पर हर्जाना लगाया जाएगा. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से शहर के आवासीय इलाकों में शैक्षिक संस्थानों को चलाने की अनुमति देने के मामले में जवाब-तलब किया है. न्यायालय ने पूर्व के आदेश के अनुपालन में आधा-अधूरा जवाब दाखिल करने पर नाराजगी जताते हुए चेतावनी भी दी है.

अगली सुनवाई तक यदि एलडीए पूरा जवाब नहीं पेश करती है, तो उसके खिलाफ भारी हर्जाना लगाया जाएगा. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करूणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने सच्चिदानंद गुप्ता की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया है. पिछली सुनवाई पर न्यायालय ने राज्य सरकार, एलडीए और अन्य प्रतिवादियों से जवाब-तलब किया था. जवाब न आने पर तीन फरवरी को फटकार भी लगाई थी.

एलडीए ने 10 फरवरी को मात्र चार इमारतों का ब्यौरा देते हुए जवाब दाखिल किया था, जिसे न्यायालय ने अपर्याप्त बताया. इस दौरान इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया ने एक प्रार्थना पत्र देते हुए याचिका में पक्षकार बनाने की मांग की है. जिस पर न्यायालय ने नौ जनवरी को उसे भी अपना पक्ष रखने की अनुमति दे दी थी.

लखनऊ: आवासीय इलाकों में शैक्षिक संस्थान चलाने के मामले में एलडीए द्वारा जवाब न दाखिल करने पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. अगली सुनवाई तक जवाब नहीं देने पर हर्जाना लगाया जाएगा. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से शहर के आवासीय इलाकों में शैक्षिक संस्थानों को चलाने की अनुमति देने के मामले में जवाब-तलब किया है. न्यायालय ने पूर्व के आदेश के अनुपालन में आधा-अधूरा जवाब दाखिल करने पर नाराजगी जताते हुए चेतावनी भी दी है.

अगली सुनवाई तक यदि एलडीए पूरा जवाब नहीं पेश करती है, तो उसके खिलाफ भारी हर्जाना लगाया जाएगा. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करूणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने सच्चिदानंद गुप्ता की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया है. पिछली सुनवाई पर न्यायालय ने राज्य सरकार, एलडीए और अन्य प्रतिवादियों से जवाब-तलब किया था. जवाब न आने पर तीन फरवरी को फटकार भी लगाई थी.

एलडीए ने 10 फरवरी को मात्र चार इमारतों का ब्यौरा देते हुए जवाब दाखिल किया था, जिसे न्यायालय ने अपर्याप्त बताया. इस दौरान इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया ने एक प्रार्थना पत्र देते हुए याचिका में पक्षकार बनाने की मांग की है. जिस पर न्यायालय ने नौ जनवरी को उसे भी अपना पक्ष रखने की अनुमति दे दी थी.

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