लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने 15 साल की नाबालिग लड़की को बरामद न कर पाने पर पुलिस को जमकर फटकार लगाई है. न्यायालय ने कहा कि लड़की को बरामद करना और अभियुक्तों को गिरफ्तार करना या तो पुलिस की क्षमता से बाहर है अथवा वे ऐसा करना चाहते ही नहीं हैं.
इसके साथ ही न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक व पुलिस कमिश्नर लखनऊ को लड़की को बरामद करने के लिए कदम उठाने के आदेश दिए हैं. यह आदेश न्यायमूर्ति विकास कुंवर श्रीवास्तव की एकल पीठ ने नाबालिग लड़की की मां सीमा मिश्रा की ओर से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर पारित किया.
याचिका में वारिस व फरीद नाम के दो व्यक्तियों पर अपहरण का आरोप लगाते हुए याची ने अपनी बेटी को बरामद कर अदालत में पेश करने का आदेश देने की मांग की है. याची के अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी कि इस सम्बंध में आईपीसी की धारा 363 व 366 के तहत एफआईआर भी दर्ज है. पिछली सुनवाई पर न्यायालय ने इंस्पेक्टर पारा को नाबालिग को पेश करने के आदेश दिए थे.
मामले की सुनवाई के दौरान मंगलवार को विवेचक अर्जुन सिंह कोर्ट के समक्ष पेश हुए. विवेचक अर्जुन सिंह ने न्यायालय को बताया कि नाबालिग की बरामदगी व अभियुक्त वारिस की गिरफ्तारी के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है. लेकिन पुलिस अभी तक उन्हें ट्रेस कर पाने में सफल नहीं हुई है.
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इस जवाब पर न्यायालय ने कहा कि ऐसा लगता है कि अभियुक्त को ट्रेस करना और नाबालिग को बरामद करना पुलिस की क्षमता से बाहर है. इसके साथ ही न्यायालय ने डीजीपी व कमिश्नर को जरूरी कदम उठाने के आदेश दिए हैं. न्यायालय ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि अगली सुनवाई तक नाबालिग को बरामद कर कोर्ट के समक्ष नहीं पेश किया जाता तो पुलिस कमिश्नर को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करना होगा. मामले की अगली सुनवाई 23 दिसम्बर को होगी.