लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए अयोध्या जनपद के हत्या के एक मामले में नामजद अभियुक्त की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. इसी के साथ न्यायालय ने मामले के वादी को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने अभियुक्त रुद्र प्रताप सिंह उर्फ सोनू सिंह की याचिका पर पारित किया.
याची की ओर से अधिवक्ता चंदन श्रीवास्तव ने दलील दी कि अयोध्या जनपद के तारून थाना क्षेत्र अंतर्गत घटना 18 मार्च 2022 की बताई जाती है जबकि एफआईआर दस महीने बाद 7 फरवरी 2023 को मृतक के पिता द्वारा दर्ज कराई गई. एफआईआर में आरोप लगाया गया कि याची ने वादी के बेटे अनिकेत सिंह को जहर पिला के मार डाला है. दलील दी गई कि वास्तव में घटना मृतक की पत्नी व भाई के बीच अवैध सम्बंध के कारण घटी है.
देवर-भाभी के इस अनैतिक सम्बंध के कारण मृतक अवसाद में रहता था. इस तथ्य की सूचना स्वयं मृतक के भाई की पत्नी ने पुलिस को दी थी. वहीं वादी ने भी वर्तमान एफआईआर के पहले एक शिकायत पुलिस को भेजी थी. जिसमें याची पर लूटपाट कर के उसके बेटे की हत्या कारित करने का आरोप लगाया गया था. दलील दी गई कि याची को वादी द्वारा अब मात्र इसलिए फंसाया जा रहा है क्योंकि यदि उसके दूसरी बहू की सूचना पर जांच हुई तो वादी का छोटा बेटा भी फंस सकता है. याचिका का राज्य सरकार की ओर से विरोध करते हुए कहा गया कि हत्या जैसे संगीन अपराध के मामलों में न्यायालय को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.
न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात पारित अपने आदेश में कहा कि सामान्यतः हत्या के अपराध में हम हस्तक्षेप नहीं करते, लेकिन वर्तमान मामले में आठ बिंदु ऐसे हैं जिनके आधार पर इस मामले में गिरफ़्तारी पर रोक लगाई जानी चाहिए. हालांकि, न्यायालय ने कहा कि यदि याची के विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य मिलता है तो पुलिस विधि सम्मत कार्रवाई कर सकती है.
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