लखनऊः इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने महिला हेल्थ वर्कर के 9212 पदों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया के विज्ञापन को चुनौती देने वाली वर्तमान याचिका लिखित परीक्षा सम्पन्न होने के बाद दाखिल की गई है, ऐसे में भर्ती प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई जा सकती. यह आदेश जस्टिस सुनीत कुमार की एकल पीठ ने अंजू देवी व 171 अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया.
याचियों का कहना है कि वे संविदाकर्मी हैं व नियम 1997 के तहत रिक्त पदों पर उनकी नियमित तैनाती पर विचार किया जाना चाहिए. वहीं, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने याचिका का विरोध करते हुए दलील दी कि नियम 1997 के नियम 5 और 8 को हाईकोर्ट ने पूर्व में ही असंवैधानिक घोषित कर दिया था.
इसके बाद सरकार ने नियम में संशोधन करते हुए नियम 2018 बनाया. लिहाजा याचीगण पुराने नियम के तहत दावा नहीं कर सकते. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पारित अपने आदेश में कहा कि प्रश्नगत विज्ञापन 15 दिसम्बर 2021 को जारी हुआ था. इस संबंध में लिखित परीक्षा भी 8 मई 2022 को हो चुकी है जबकि याचियों ने भर्ती प्रक्रिया का अंतिम चरण आने पर याचिका दाखिल की है. वर्तमान याचिका 16 मई 2022 को दाखिल की गई जबकि याचियों को प्रश्नगत विज्ञापन के बारे में शुरू से जानकारी थी. ऐसे में भर्ती प्रक्रिया पर फिलहाल रोक नहीं लगाई जा सकती. हालांकि न्यायालय ने याचिका पर राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा भी तलब किया है.
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