लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने चारबाग में गुरूनानक मार्केट में स्थित कथित अवैध होटलों के खिलाफ दाखिल एक जनहित याचिका पर एलडीए व नगर निगम से जवाब तलब किया है. न्यायालय (Allahabad High Court Lucknow Bench) ने दोनों विभागों को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है. जवाब आने के पश्चात कथित अवैध होटलों के संचालकों को नोटिस जारी किए जाने पर भी न्यायालय विचार करेगी.
यह आदेश (High court order to LDA and Lucknow Municipal Corporation) न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता अमर सिंह की याचिका पर पारित किया. याचिका में कहा गया है कि 1954 में पाकिस्तान से ये शरणार्थियों को आश्रय देने के लिए राज्य सरकार ने कुछ जमीनें व दुकान आवंटित किए थे, जहां अब गुरुनानक मार्केट बन चुका है. याचिका में दावा किया गया है कि 17 दुकानों को अलग-अलग होटलों में अवैध रूप से तब्दील किया जा चुका है. इ होटल के लिए किसी भी सरकारी विभाग से कोई अनुमति अथवा अनापत्ति नहीं ली गई है.
याची का यह भी कहना है कि ये अवैध होटल (High court notice to LDA and Lucknow Municipal Corporation) गलियों में जहां बने हुए हैं. वहां मुश्किल से चलने-फिरने की जगह है. इसकी वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. याचिका में अपर नगर आयुक्त, लखनऊ नगर निगम के 29 जून 2010 के एक पत्र का भी हवाला दिया गया है, जिसमें उक्त गुरुनानक मार्केट में अवैध रूप से बने कुल 34 होटलों, लॉज, गेस्ट हाउस, गोदाम व कार्यालयों के सम्बंध में आवश्यक कार्यवाही की बात कही गई है. याचिका में पूर्व में हुए हादसों का उदाहरण देते हुए, यह भी कहा गया है कि उक्त होटलों में आपराधिक गतिविधियां भी चलती हैं. याचिका में उक्त कथित अवैध होटलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए, इन्हें हटाने की मांग की गई है.