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अवैध शराब पर रोक लगाने के लिये सरकार जारी करे दिशा-निर्देश : हाईकोर्ट - illegal liquor

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow HIgh Court) ने उत्तर प्रदेश सरकार को अवैध शराब (Illegal Liquor) के उत्पादन और बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के आदेश दिये हैं. एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अलीगढ़ शराब कांड (Aligarh Hooch Tragedy) में सरकार की तरफ से की गयी कार्रवाई पर संतोष जाहिर किया.

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : Jul 22, 2021, 10:21 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को अवैध शराब के उत्पादन और बिक्री पर पूर्णतया रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के आदेश दिये हैं. हालांकि सरकार के लिए राहत की बात है कि न्यायालय ने अलीगढ़ शराब कांड में सरकार द्वारा की गयी कार्रवाई पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि इस मामले में अभियुक्तों की गिरफ्तारी करके त्वरित कार्रवाई की गयी है.


यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने सत्येंद्र कुमार सिंह की ओर से दाखिल जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किया. याचिका में प्रदेश के तमाम जिलों में हुई अवैध शराब से मौतों के मामले में पुलिस और आबकारी विभाग के लोगों की मिलीभगत की जांच एनआईए अथवा सीबीआई से कराने की मांग की गयी थी. याचिका में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आदेश देने की भी मांग की गयी थी. याचिका पर जवाब देते हुए सरकार की ओर से कहा गया कि अवैध शराब के मामलों में राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाये हैं. अलीगढ़ के मामले पर कहा गया कि इस मामले में शामिल 222 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं याची का कहना था कि घटना में शामिल एक भी सरकारी अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.


न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि अलीगढ़ मामले में सरकार ने 222 लोगों को गिरफ्तार करके त्वरित कार्रवाई की है. इस मामले से सम्बंधित कुछ मुकदमों में आरोप पत्र भी दाखिल किये जा चुके हैं. न्यायालय ने आगे कहा कि यह सच है कि अवैध शराब से मौतों की घटनाएं पूर्व में बाराबंकी और अन्य जनपदों में सामने आ चुकी हैं. सरकार को ऐसी घटनाओं को मॉनिटर करने की आवश्यक्ता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं हों.



इसे भी पढ़ें - इलाहाबाद हाईकोर्ट : विवाहिता को अनुकंपा नियुक्ति से इनकार करने पर जिला विद्यालय निरीक्षक तलब

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को अवैध शराब के उत्पादन और बिक्री पर पूर्णतया रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के आदेश दिये हैं. हालांकि सरकार के लिए राहत की बात है कि न्यायालय ने अलीगढ़ शराब कांड में सरकार द्वारा की गयी कार्रवाई पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि इस मामले में अभियुक्तों की गिरफ्तारी करके त्वरित कार्रवाई की गयी है.


यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने सत्येंद्र कुमार सिंह की ओर से दाखिल जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किया. याचिका में प्रदेश के तमाम जिलों में हुई अवैध शराब से मौतों के मामले में पुलिस और आबकारी विभाग के लोगों की मिलीभगत की जांच एनआईए अथवा सीबीआई से कराने की मांग की गयी थी. याचिका में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आदेश देने की भी मांग की गयी थी. याचिका पर जवाब देते हुए सरकार की ओर से कहा गया कि अवैध शराब के मामलों में राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाये हैं. अलीगढ़ के मामले पर कहा गया कि इस मामले में शामिल 222 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं याची का कहना था कि घटना में शामिल एक भी सरकारी अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.


न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि अलीगढ़ मामले में सरकार ने 222 लोगों को गिरफ्तार करके त्वरित कार्रवाई की है. इस मामले से सम्बंधित कुछ मुकदमों में आरोप पत्र भी दाखिल किये जा चुके हैं. न्यायालय ने आगे कहा कि यह सच है कि अवैध शराब से मौतों की घटनाएं पूर्व में बाराबंकी और अन्य जनपदों में सामने आ चुकी हैं. सरकार को ऐसी घटनाओं को मॉनिटर करने की आवश्यक्ता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं हों.



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