लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कार चोरी कर नेपाल में बेचने वाले गैंग के सरगनाओं रिजवान, श्यामजी जायसवाल व विनय तलवार की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. मामले में एक आरोपी विकास जायसवाल उर्फ विक्की की जमानत अर्जी पहले ही खारिज हो चुकी है.
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने दिया है. न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि कार चोरी का अपराध पूरे देश में घटित हो रहा है. यह भी सत्य है कि चोरी की कारों का प्रयोग अपराधों और आतंकी गतिविधियों में भी किया जाता है. अभियुक्तों की जमानत का विरेाध करते हुए राज्य सरकार के अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह का तर्क था कि आरोपियों के पास से 112 कारें बरामद की गईं, जिनमें काफी मंहगी कारें भी हैं.
उन्होंने दलील दी कि यह गैंग अतंर्राष्ट्रीय स्तर का है. ये लोग कारें चोरी कर नेपाल ले जाकर बेच देते हैं. जमानत की मांग कर रहे याचीगण उक्त गैंग के प्रमुख हैं. ऐसे में इन अभियुक्तों को जमानत पर छोड़े जाने का कोई औचित्य नहीं है. उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में चोरी की कारें बरामद होने के बाद ओरापियों के खिलाफ चिनहट थाने में रिपेार्ट दर्ज की गई थी.