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हाईकोर्ट के अधिवक्ता कल न्यायिक कार्य से रहेंगे विरत - लखनऊ हाईकोर्ट

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के अधिवक्ता कल न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे. अधिवक्ता स्टेट जीएसटी काउंसिल की स्थापना लखनऊ में करने की मांग कर रहे हैं.

हाईकोर्ट लखनऊ बेंच.
हाईकोर्ट लखनऊ बेंच.
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Published : Feb 11, 2021, 9:44 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के अधिवक्ता शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे. यह घोषणा अवध बार एसोसिएशन द्वारा गुरुवार को गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद की गई.

अधिवक्ता स्टेट जीएसटी ट्रिब्युनल के गठन की कर रहे मांग

स्टेट जीएसटी ट्रिब्युनल का गठन राजधानी में किए जाने को लेकर यहां के अधिवक्ता लंबे समय से मांग कर रहे हैं. 9 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पारित एक निर्णय से इस मांग पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. इसी वजह से शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने की घोषणा बार ने की है. बैठक की अध्यक्षता बार के अध्यक्ष एचजीएस परिहार और संचालन महासचिव शरद पाठक ने किया. वहीं, बैठक में यह भी तय किया गया कि इस मुद्दे को लेकर भारत सरकार के वित्त मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से अवध बार का एक प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा.

बैठक में यह भी तय किया गया कि 9 फरवरी का आदेश पारित करने वाले हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसके केसरवानी और न्यायमूर्ति वाईके श्रीवास्तव जब कभी लखनऊ बेंच में बैठेंगे तो उनका बहिष्कार यहां के अधिवक्ता करेंगे. इसके अलावा मुकदमों की सूचीबद्धता के लिए स्पिन रोटेशन सिस्टम को समाप्त करने की भी मांग की गई. बैठक में अवध बार की लाइब्रेरी के लिए दस लाख रुपये और अधिवक्ताओं के चैम्बर के लिए सेंट्रलाइज एसी सिस्टम की भी मांग की गई.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के अधिवक्ता शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे. यह घोषणा अवध बार एसोसिएशन द्वारा गुरुवार को गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद की गई.

अधिवक्ता स्टेट जीएसटी ट्रिब्युनल के गठन की कर रहे मांग

स्टेट जीएसटी ट्रिब्युनल का गठन राजधानी में किए जाने को लेकर यहां के अधिवक्ता लंबे समय से मांग कर रहे हैं. 9 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पारित एक निर्णय से इस मांग पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. इसी वजह से शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने की घोषणा बार ने की है. बैठक की अध्यक्षता बार के अध्यक्ष एचजीएस परिहार और संचालन महासचिव शरद पाठक ने किया. वहीं, बैठक में यह भी तय किया गया कि इस मुद्दे को लेकर भारत सरकार के वित्त मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से अवध बार का एक प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा.

बैठक में यह भी तय किया गया कि 9 फरवरी का आदेश पारित करने वाले हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसके केसरवानी और न्यायमूर्ति वाईके श्रीवास्तव जब कभी लखनऊ बेंच में बैठेंगे तो उनका बहिष्कार यहां के अधिवक्ता करेंगे. इसके अलावा मुकदमों की सूचीबद्धता के लिए स्पिन रोटेशन सिस्टम को समाप्त करने की भी मांग की गई. बैठक में अवध बार की लाइब्रेरी के लिए दस लाख रुपये और अधिवक्ताओं के चैम्बर के लिए सेंट्रलाइज एसी सिस्टम की भी मांग की गई.

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