लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दाखिल करते हुए, भाजपा सांसद कीर्ति वर्धन सिंह (Court News) पर एक मकान और गुरुद्वारा पर अवैध कब्जा कराने के प्रयास का आरोप लगाया गया है. आरोपों की गम्भीरता को देखते हुए न्यायालय ने सांसद समेत अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. इसी के साथ न्यायालय ने अवैध कब्जे के प्रयास में सहयोग के आरोपी दो पुलिस अधिकारियों मनकापुर कोतवाली प्रभारी सुधीर कुमार सिंह व क्राइम ब्रांच गोंडा के इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय को तत्काल गोंडा जनपद से हटाने का आदेश पुलिस महानिदेशक को दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा व न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने मनकापुर गोंडा निवासी गुरबचन कौर व उनके दो पुत्रों की याचिका पर पारित किया है. याची गुरबचन कौर की ओर से दलील दी गई कि उसने अपने भतीजे स्वर्गीय गुरदीप सिंह व उसकी पत्नी कुलवन्त कौर को आर्थिक सहयोग के लिए एक घर रहने को दिया था, लेकिन बाद में दोनों ने लालच में आकर उक्त घर को अपने नाम दाखिल खारिज कराने के लिए आवेदन दे दिया. इस पर याचियों ने सिविल कोर्ट में निषेधाज्ञा का वाद दाखिल किया, उनके वाद पर सिविल कोर्ट ने अंतरिम निषेधाज्ञा का आदेश पारित किया. आरोप है कि अब उक्त कुलवन्त कौर और उसका बेटा जसविंदर सिंह उर्फ गोल्डी स्थानीय सांसद कीर्ति वर्धन सिंह के सहयोग से विवादित घर व उससे लगे गुरुद्वारा को खाली करने की धमकी दे रहे हैं. याचियों ने स्थानीय पुलिस से शिकायत की परंतु सांसद के दबाव में पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की. आरोप है कि 15 सितंबर को क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय ने घर में आकर याचियों को धमकी दी, यह घटनाक्रम सीसीटीवी में भी रिकॉर्ड हुआ है. कहा गया कि एसपी के आदेश के बावजूद स्थानीय कोतवाली के प्रभारी ने कोई मदद नहीं की.
वहीं सरकारी वकील ने न्यायालय को बताया कि एसपी गोंडा की ओर से उन्हें प्राप्त निर्देश में कहा गया है कि मामले की जांच में दोनों पुलिस अधिकारी सुधीर कुमार सिंह व अरुण कुमार राय का याचियों के घर में घुसना पाया गया है.