लखनऊः अलाया अपार्टमेंट हादसा मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सपा विधायक शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश और भतीजे मोहम्मद तारिक की जमानत याचिकाएं स्वीकार करते हुए सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने नवाजिश व मोहम्मद तारिक की ओर से दाखिल अलग-अलग जमानत याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया. याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी, प्रांशु अग्रवाल व एसके सिंह चौहान ने दलील दी कि पूरे मामले से याची का कोई सम्बंध नहीं है. मामले के मुख्य अभियुक्त फहद याजदानी की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट पहले ही रोक लगा चुकी है.
उल्लेखनीय है कि अलाया अपार्टमेंट घटना की एफआईआर 25 जनवरी को हजरतगंज कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक दयाशंकर द्विवेदी ने विधायक शाहिद मंजूर के पुत्र नवाजिश, भतीजे मोहम्मद तारिक व फाहद याजदानी के खिलाफ दर्ज कराई थी. दर्ज एफआईआर के मुताबिक अपार्टमेंट जोरदार आवाज के साथ अचानक पूरी तरह से ढह गया, जिससे चारों तरफ चीख-पुकार मच गई. अपार्टमेंट के मलबे से बचाव दल ने गंभीर रूप से चोटिल 14 लोगों को बाहर निकाला. बाद में इलाज के दौरान तीन लोगों की मृत्यु हो गई थी. आरोप है कि अपार्टमेंट का निर्माण मोहम्मद तारिक, नवाजिश और फहद यज़दानी ने बिना नक़्शा पास कराये और घटिया सामग्री का प्रयोग करके कराया था.
आरोप है कि बाद में इन लोगों ने 13 फ्लैट धोखाधड़ी करके लोगो को बेंच दिया. मामले की विवेचना के दौरान शाहिद मंजूर का नाम भी शामिल किया गया. हालांकि हाईकोर्ट ने 21 मार्च को उनकी भी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा तलब कर लिया था. शाहिद मंजूर की ओर से भी दलील दी गई थी कि उन्हें मात्र राजनीतिक कारणों से मामले में फंसाया जा रहा है, जबकि अलाया अपार्टमेंट के पूरे प्रोजेक्ट से उनका कोई लेना देना नहीं था.