लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने चचेरी बहन के साथ सामूहिक दुष्कर्म (Gangrape) के आरोपी और उसके एक साथ की जमानत याचिका (Bail Application) को मंजूर कर लिया है. न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों पर सख्त शर्तें लगाते हुए, दो-दो जमानतदार और व्यक्तिगत बंध पत्र दाखिल करने पर जेल से रिहा करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने अभियुक्त राम नरायन तिवारी और देवेंद्र बहादुर सिंह की ओर से दाखिल अलग-अलग जमानत याचिकाओं पर पारित किया.
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अभियुक्त राम नारायन तिवारी पर आरोप है कि उसने अपने साथी के साथ मिलकर चचेरी बहन (Cousin Sister) के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था. मामले में अमेठी जनपद के पीपरपुर थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक पीड़िता ने खुद को बचाने के लिए शोर मचाया, तब उसका भाई व दादा-दादी मौके पर आ गए. इस पर अभियुक्तों ने उनके साथ भी मारपीट की. आरोप है कि घटना को अंजाम देने के बाद अभियुक्त वहां से भाग निकले.
वहीं, कोर्ट में अभियुक्तों की ओर से दलील दी गई कि एफआईआर में बताई गई घटना संभव नहीं है. इसके अलावा पीड़िता ने पुलिस को दिये बयान और मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराए बयान में काफी संशोधन किया गया है. दलील दी गई कि पीड़िता का मेडिकल रिपोर्ट (Medical Report) अभियुक्तों पर लगाए गए आरोपों का समर्थन नहीं कर रहा है. हालांकि न्यायालय ने मामले के मेरिट पर कोई टिप्पणी न करते हुए, अभियुक्तों को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.