लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कथित दवा को नारकोटिक पदार्थ बताते हुए अभियुक्त को एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल भेजने के मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है. इसके साथ ही न्यायालय ने अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने के भी आदेश दिए हैं.
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने अजय बाजपेई की जमानत याचिका पर पारित किया है. न्यायालय ने पाया कि अभियुक्त के पास से सैकड़ों बोतल कथित दवाएं बरामद हुई थीं. बरामद करने वाले पुलिस अधिकारियों ने सीजर मेमो पर यह दर्ज करते हुए कि बरामद दवाएं दरअसल नकली दवाएं हैं और इनमें कोडीन मिली हुई है. मामले में दर्ज एफआईआर में आशंका जाहिर की गई कि कोडीन का अधिक मात्रा में उपयोग जानलेवा हो सकता है. न्यायालय ने पाया कि टेस्ट रिपोर्ट में यह बात स्पष्ट तौर पर कही गई है कि बरामद कथित दवा स्टैंडर्ड क्वालिटी की है.
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त के पास से बरामद पदार्थ एनडीपीएस एक्ट की धारा 2 की उप धाराओं के तहत नारकोटिक पदार्थ नहीं हैं. किस आधार पर न्यायालय ने अभियुक्त की जमानत याचिका को मंजूर करते हुए कहा कि यह बरामद करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 58(1)(बी) और (सी) के तहत कार्रवाई किए जाने का मामला बनता है.