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एलडीए के अधिकारियों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

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Published : Oct 22, 2021, 10:26 PM IST

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एलडीए के सचिव पवन कुमार गंगवार, नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह व सर्वेयर उदय नारायन को बड़ी राहत दी है. न्यायालय ने इनके खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने के अपने आदेश को वापस ले लिया है.

एलडीए के अधिकारियों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत
एलडीए के अधिकारियों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एलडीए के सचिव पवन कुमार गंगवार, नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह व सर्वेयर उदय नारायन को बड़ी राहत दी है. न्यायालय ने इनके खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने के अपने आदेश को वापस ले लिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की एकल पीठ ने शेरू अब्बास व अन्य की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर पारित किया. न्यायालय ने पिछली सुनवाई पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ को निर्देशित किया था कि तीनों अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए जमानतीय वारंट जारी किया जाए. जिसके बाद तीनों अधिकारियों की ओर से अधिवक्ता के जरिए रिकॉल प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया. कहा गया कि जवाबी हलफनामा 2 सितम्बर को ही तैयार हो गया था, लेकिन त्रुटिवश दाखिल नहीं किया जा सका. न्यायालय ने इससे संतुष्ट होते हुए, वारंट जारी करने व अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने के अपने आदेश को वापस ले लिया है.

इसे भी पढ़ें- लखीमपुर हिंसा मामला : मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा समेत चार की फिर पुलिस रिमाण्ड

उल्लेखनीय है कि उक्त अवमानना याचिका पर सुनवाई के उपरांत 9 अगस्त को ही न्यायालय ने तीनों अधिकारियों को नोटिस जारी किया था. नोटिस प्राप्ति के बावजूद जब अधिकारियों की ओर से कोई जवाब नहीं आया और न ही कोई अधिवक्ता उपस्थित हुआ, तो न्यायालय ने पवन कुमार गंगवार को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने का आदेश दिया. इस पर भी न तो कोई जवाब दाखिल किया गया और न ही न्यायालय के आदेश के अनुपालन में कोई उपस्थित हुआ. तब न्यायालय ने तीनों के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश पारित कर दिया था.

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एलडीए के सचिव पवन कुमार गंगवार, नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह व सर्वेयर उदय नारायन को बड़ी राहत दी है. न्यायालय ने इनके खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने के अपने आदेश को वापस ले लिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की एकल पीठ ने शेरू अब्बास व अन्य की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर पारित किया. न्यायालय ने पिछली सुनवाई पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ को निर्देशित किया था कि तीनों अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए जमानतीय वारंट जारी किया जाए. जिसके बाद तीनों अधिकारियों की ओर से अधिवक्ता के जरिए रिकॉल प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया. कहा गया कि जवाबी हलफनामा 2 सितम्बर को ही तैयार हो गया था, लेकिन त्रुटिवश दाखिल नहीं किया जा सका. न्यायालय ने इससे संतुष्ट होते हुए, वारंट जारी करने व अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने के अपने आदेश को वापस ले लिया है.

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उल्लेखनीय है कि उक्त अवमानना याचिका पर सुनवाई के उपरांत 9 अगस्त को ही न्यायालय ने तीनों अधिकारियों को नोटिस जारी किया था. नोटिस प्राप्ति के बावजूद जब अधिकारियों की ओर से कोई जवाब नहीं आया और न ही कोई अधिवक्ता उपस्थित हुआ, तो न्यायालय ने पवन कुमार गंगवार को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने का आदेश दिया. इस पर भी न तो कोई जवाब दाखिल किया गया और न ही न्यायालय के आदेश के अनुपालन में कोई उपस्थित हुआ. तब न्यायालय ने तीनों के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश पारित कर दिया था.

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