लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अंतर्राष्ट्रीय शूटर वर्तिका सिंह (International Shooter Vartika) को बड़ी राहत दी है. शूटर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर सुलतानपुर की एक सत्र अदालत द्वारा लिए गए संज्ञान आदेश को खारिज कर दिया है. इस मामले में उनके खिलाफ वारंट भी जारी हो चुका था. हालांकि न्यायालय ने यह राहत तकनीकी त्रुटियों को देखते हुए दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने वर्तिका सिंह की याचिका पर पारित किया. वर्तिका सिंह व कांग्रेस के पूर्व सांसद कमल किशोर कमांडो के खिलाफ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के प्रतिनिधि विजय गुप्ता ने धोखाधड़ी, कूटरचना व आईटी एक्ट के उल्लंघन के आरोप में अमेठी के मुसाफिरखाना कोतवाली में एफआईआर लिखवाई थी.
याचिका में कहा गया कि विवेचना के उपरांत पुलिस ने पूर्व सांसद को क्लीन चिट देते हुए, वर्तिका सिंह के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी व एमपी-एमएलए कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान भी ले लिया. दलील दी गई कि एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA COURT) विशेष तौर पर सांसदों, पूर्व सांसदों व विधायकों तथा पूर्व विधायकों के लिए गठित की गई है. जबकि याची जनप्रतिनिधि नहीं है व अभियुक्त बनाए गए पूर्व सांसद का नाम चार्जशीट में नहीं है.
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वहीं न्यायालय ने भी पाया कि वर्तिका सिंह के खिलाफ जो धाराएं लगाई गईं हैं, उनका ट्रायल मजिस्ट्रेट कोर्ट में ही हो सकता है, लेकिन एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA COURT) सत्र अदालत है. लिहाजा न्यायालय ने संज्ञान आदेश को त्रुटिपूर्ण पाते हुए रद्द कर दिया व फाइल उचित आदेश के लिए मजिस्ट्रेट कोर्ट में भेजने का आदेश दिया है.
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