लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी व बीएल वर्मा तथा सपा सांसद राम गोपाल यादव समेत दस राज्यसभा सांसदों को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने इन सभी के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. ये सभी लोग नवंबर-2020 में यूपी राज्यसभा सदस्य के तौर पर निर्वाचित हुए थे. यह आदेश न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने प्रकाश बजाज की निर्वाचन याचिका को खारिज करते हुए पारित किया.
याचिका में हरदीप पुरी, बीएल वर्मा, राम गोपाल यादव, बृजलाल, नीरज शेखर, गीता शाक्य, अरुण सिंह, सीमा द्विवेदी, हरद्वार दूबे व रामजी गौतम के राज्य सभा सदस्य के तौर पर निर्वाचन को चुनौती दी गई थी. याचिका में कहा गया था कि याची का नामांकन गलत तरीके से खारिज किया गया. वहीं उपरोक्त प्रतिवादियों का नामांकन अविधिक तरीके से स्वीकार कर लिया गया.
इस मामले में प्रतिवादियों की ओर से पेश अधिवक्ताओं कुलदीप पति त्रिपाठी, प्रशांत सिंह अटल, गौरव मेहरोत्रा तथा अन्य अधिवक्ताओं ने दलील दी, कि याची का नामांकन ही निरस्त हो गया था. लिहाजा वह वर्तमान निर्वाचन याचिका दाखिल ही नहीं कर सकता था. याचिका में कहा गया था कि इस आधार पर उसकी ओर से दाखिल वर्तमान याचिका पोषणीय नहीं है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने 75 पृष्ठों का विस्तृत निर्णय पारित किया. कोर्ट ने यह माना कि याची को वर्तमान याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा कि नामांकन के समय याची द्वारा दाखिल किया गया शपथ पत्र नियमों के अंतर्गत नहीं था.
इसे पढ़ें- सीएम योगी बोले, मंदिरों से कोई भूखा न जाए, बच्चों को मिले वैदिक ज्ञान