लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने समेत राजद्रोह व समाज में वैमनस्यता फैलाने के अभियुक्त नवाब सतपाल तंवर की याचिका को खारिज कर दिया है. उक्त याचिका के जरिये अभियुक्त ने अपने खिलाफ इस मामले में दर्ज एफआईआर को चुनौती दी थी. हालांकि उसके अधिवक्ता ने याचिका को वापस लेने का अनुरोध किया जिसके बाद न्यायालय ने अनुरोध को स्वीकार करते हुए, याचिका को खारिज कर दिया.
यह आदेश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव, प्रथम की खंडपीठ ने सतपाल तंवर की याचिका पर पारित किया. याचिका में तंवर के खिलाफ हजरतगंज थाने में आईपीसी की धारा 124ए, 153ए (1) (बी), 505(1) (बी) व 120बी के तहत दर्ज एफआईआर को खारिज करने की मांग की गई थी. उक्त एफआईआर 20 फरवरी 2021 को दर्ज कराई गई थी.
याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार के अधिवक्ता ने दलील दी कि भीम सेना चीफ नामक ट्विटर हेंडल से विद्वेषपूर्ण संदेश जारी किये गए थे, कहा गया कि इन संदेशों के जरिये अभियुक्त ने सरकार के खिलाफ लोगों में नफरत पैदा करने की कोशिश की. याचिका पर चली कुछ देर की बहस के पश्चात याची के अधिवक्ता ने न्यायालय से याचिका को वापस लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया व अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करने की छूट की भी मांग की. न्यायालय ने इस आधार पर याचिका को खारिज कर दिया व निर्देश दिया कि यदि याची अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करता है तो उसे त्वरित विचार कर निर्णित किया जाए.