लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में साजिश रचने के आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह की एफआईआर को निरस्त करने की याचिका को खारिज कर दिया है. वहीं कोर्ट ने 2 हफ्ते के अंदर धनंजय सिंह को सरेंडर करने को कहा है. इसके बाद वह जमानत के लिए अर्जी डाल सकते हैं.
धनंजय सिंह अजीत सिंह हत्याकांड में नाम आने के बाद से फरार चल रहे थे .उन्होंने एक पुराने मामले में प्रयागराज में सरेंडर कर दिया था और फिर फतेहगढ़ जेल से उन्हें जमानत भी मिल गई .लेकिन इस मामले में लखनऊ पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए जौनपुर उनके आवास पर छापेमारी की थी, जहां वह नहीं मिले. लखनऊ पुलिस की तरफ से धनंजय सिंह पर 25 हजार का इनाम घोषित है और उन्हें अब भगोड़ा घोषित करने के लिए भी तैयारी हो रही है.
लखनऊ की हाईकोर्ट बेंच ने याचिका की खारिज
राजधानी लखनऊ के विभूति खंड थाना अंतर्गत कठौता चौराहे पर 6 जनवरी की शाम को मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की गैंगवार के दौरान हत्या कर दी गई थी. उन्हें 25 गोली मारी गई थी. वहीं उनके साथी मोहर सिंह की तहरीर पर आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह ,अखंड सिंह, शूटर गिरधारी समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था .वहीं धनंजय सिंह ने एक शूटर के इलाज के लिए सुलतानपुर के डॉक्टर को फोन भी किया था .
शूटर गिरधारी ने लिया था धनंजय का नाम
शूटर गिरधारी विश्वकर्मा ने पूछताछ में पुलिस को धनंजय सिंह की मदद करने का नाम लिया था, जिसके बाद साजिश में शामिल होने के आरोपी के रूप में धनंजय सिंह का नाम जोड़ा गया .इस मामले को लेकर धनंजय सिंह ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अपनी एफआईआर को निरस्त करने के लिए याचिका दायर की थी. लेकिन उनकी याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है और 2 सप्ताह के भीतर सरेंडर करने को कहा है.