लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि सरकार की 12 फरवरी 2013 के अधिसूचना के तहत क्या प्रदेश में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन हो चुका है. न्यायालय ने स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स सर्विस रूल्स के लागू होने की स्थिति पर भी सरकार से जवाब मांगा है.
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की खंडपीठ ने सतीश कुमार मिश्रा की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर दिया. याचिका में दुधवा टाइगर रिजर्व के जानवरों की सुरक्षा के मद्देनजर विभिन्न निर्देश केंद्र व प्रदेश सरकार को दिए जाने की मांग की गई है.
याचिका पर सुनवाई के दौरान दुधवा टाइगर रिजर्व के चीफ कंजर्वेटर व फील्ड डायरेक्टर संजय सिंह की ओर से हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि 12 फरवरी 2013 के एक अधिसूचना के तहत स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स की स्थापना पहले से ही की गई है.
हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उत्तर प्रदेश स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन सर्विस रूल्स 2015 को फिलहाल तैयार किया जा रहा है व अभी यह प्रक्रियागत है. उनकी ओर से रूल का ड्राफ्ट भी पेश किया गया. उक्त रूल में विभिन्न पदों पर भर्ती व योग्यता के सम्बंध में प्रावधान किए गए हैं. इस पर न्यायालय ने उक्त रूल की स्थिति व फोर्स के गठन के बाबत यूपी सरकार से जवाब मांगा है.