लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा अधिकरण के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की उम्र सीमा घटाने सम्बंधी संशोधन अधिनियम के प्रावधानों को बरकरार रखा है. हालांकि न्यायालय ने वर्तमान अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों पर इसे लागू होने सम्बंधी प्रावधान को विधि सम्मत न पाते हुए, निरस्त कर दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने प्राधिकरण के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना समेत चार अन्य की ओर से दाखिल याचिकाओं पर पारित किया है. याचिकाओं में उत्तर प्रदेश लोक सेवा अधिकरण संशोधन अधिनियम संख्या 4 की धारा 3(8) को बरकरार रखने का आदेश दिया है.
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उक्त संशोधित प्रावधान के मुताबिक अधिकरण के अध्यक्ष की उम्र सीमा 70 वर्ष से घटाकर 65 वर्ष की गई है. जबकि उपाध्यक्ष और सदस्यों की उम्र सीमा 65 से घटाकर 62 वर्ष कर दी गई है. वहीं धारा 3(8सी) के अनुसार उक्त संशोधित प्रावधान को वर्तमान अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों पर भी लागू किया गया था. न्यायालय ने इसे खारिज करते हुए कहा कि धारा 3(8सी) को विधि सम्मत नहीं ठहराया जा सकता. न्यायालय ने उक्त धारा को निरस्त करने का आदेश दिया है.