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बाजार में जल्द देखने को मिलेंगे हर्बल टूथपेस्ट और फ्लोर क्लीनर

राजधानी में राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के 66 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वार्षिक दिवस समरोह का आयोजन किया गया. इस आयोजन में संस्थान की पिछले एक वर्ष की उपलब्धियों के बारे में चर्चा की गई.

राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के 66 वर्ष पूरे
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Published : Oct 26, 2019, 3:08 PM IST

लखनऊ: राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के 66 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वार्षिक दिवस समरोह का आयोजन किया गया. इस आयोजन में संस्थान की पिछले एक वर्ष की उपलब्धियों के बारे में चर्चा की गई. इसके साथ ही संस्थान द्वारा बनाये गए दो नए उत्पादों को भी बाजार में उतारा गया.

हर्बल टूथपेस्ट और फ्लोर क्लीनर बाजार में जल्द.

इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: बाजार में दिखा दिव्यांग बच्चों के हाथों का हुनर, हाथों हाथ बिके दीये

संस्थान के निदेशक प्रो. एस के बारीक ने बताया कि पिछले 66 वर्षों में हमने काफी कुछ अर्जित किया है. हमें गर्व है कि हम 66वें वर्ष में प्रवेश करके कई उपलब्धियों को अपने नाम कर चुके हैं. इसके साथ ही हमारे द्वारा बनाए गए दो नए उत्पादों को भी रिलीज करेंगे. इस आयोजन में हमारे हर्बल टूथपेस्ट 'जेन्थोपेस्ट' और हर्बल 'नैनो फ्लोर' कीटनाशक को प्रस्तुत कर रहे हैं. इसका बाजार में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कर इसे आम जनमानस के लिए बाजार में लाया जा सकेगा.

राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर एस के तिवारी ने बताया कि रोमा मिशन के तहत कई किसानों से जुड़े हुए हैं. साथ ही कई तरह के उत्पाद भी बना रहे हैं. इस मिशन के तहत हल्दी की गांठ का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में कर रहे हैं, लेकिन उसकी सूखी पत्तियों का अभी तक कोई इस्तेमाल नहीं किया गया था.

उसकी सूखी पत्तियों का तेल निकालकर एक फ्लोर मोब बनाया है. कीटाणु नाशक के साथ ही इससे किसानों को आय से अधिक आमदनी हो सकेगी. हम देश भर के एरोमा मिशन से जुड़े हुए किसानों से हल्दी की सूखी पत्तियों के इस्तेमाल पर बात कर रहे हैं.

लखनऊ: राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के 66 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वार्षिक दिवस समरोह का आयोजन किया गया. इस आयोजन में संस्थान की पिछले एक वर्ष की उपलब्धियों के बारे में चर्चा की गई. इसके साथ ही संस्थान द्वारा बनाये गए दो नए उत्पादों को भी बाजार में उतारा गया.

हर्बल टूथपेस्ट और फ्लोर क्लीनर बाजार में जल्द.

इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: बाजार में दिखा दिव्यांग बच्चों के हाथों का हुनर, हाथों हाथ बिके दीये

संस्थान के निदेशक प्रो. एस के बारीक ने बताया कि पिछले 66 वर्षों में हमने काफी कुछ अर्जित किया है. हमें गर्व है कि हम 66वें वर्ष में प्रवेश करके कई उपलब्धियों को अपने नाम कर चुके हैं. इसके साथ ही हमारे द्वारा बनाए गए दो नए उत्पादों को भी रिलीज करेंगे. इस आयोजन में हमारे हर्बल टूथपेस्ट 'जेन्थोपेस्ट' और हर्बल 'नैनो फ्लोर' कीटनाशक को प्रस्तुत कर रहे हैं. इसका बाजार में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कर इसे आम जनमानस के लिए बाजार में लाया जा सकेगा.

राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर एस के तिवारी ने बताया कि रोमा मिशन के तहत कई किसानों से जुड़े हुए हैं. साथ ही कई तरह के उत्पाद भी बना रहे हैं. इस मिशन के तहत हल्दी की गांठ का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में कर रहे हैं, लेकिन उसकी सूखी पत्तियों का अभी तक कोई इस्तेमाल नहीं किया गया था.

उसकी सूखी पत्तियों का तेल निकालकर एक फ्लोर मोब बनाया है. कीटाणु नाशक के साथ ही इससे किसानों को आय से अधिक आमदनी हो सकेगी. हम देश भर के एरोमा मिशन से जुड़े हुए किसानों से हल्दी की सूखी पत्तियों के इस्तेमाल पर बात कर रहे हैं.

Intro:लखनऊ।सीएसआईआर- राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के 66 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संस्थान में वार्षिक दिवस समरोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन में संस्थान की पिछले एक वर्ष की उपलब्धियों के बारे में चर्चा की गई। साथ ही संस्थान द्वारा बनाये गए दो नए उत्पादों को भी बाजार में उतारा गया।


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इस आयोन पर संस्थान के निदेशक प्रो एस के बारीक ने बताया कि पिछले 66 वर्षों में हमने काफी कुछ अर्जित किया है। हमें गर्व है कि हम 66वें वर्ष में प्रवेश कर के कई उपलब्धियों को अपने नाम कर चुके हैं। इस वर्ष भी हम 1 वर्ष में किए गए आर्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करेंगे। साथ ही हमारे द्वारा बनाए गए दो नए उत्पादों को भी रिलीज करेंगे। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में हमारे हर्बल टूथपेस्ट 'जेन्थोपेस्ट' और हर्बल नैनो फ्लोर कीटनाशक को प्रस्तुत कर रहे हैं। इसका बाजार में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कर इसे आम जनमानस के लिए बाजार में लाया जा सकेगा।

इस अवसर पर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर एस के तिवारी ने बताया कि अरोमा मिशन के तहत कई किसानों से जुड़े हुए हैं और कई तरह के उत्पाद बना रहे हैं। इस मिशन के तहत हल्दी की गांठ का इस्तेमाल काफी बड़ी संख्या में कर रहे हैं लेकिन उसकी सूखी पत्तियों का अभी तक कोई इस्तेमाल नहीं किया गया था। उसकी सूखी पत्तियों का तेल निकाल कर एक फ्लोर मोब बनाया है जो कीटाणु नाशक तो है ही साथ ही इससे किसानों को आय से अधिक आमदनी हो सकेगी। हम देश भर के एरोमा मिशन से जुड़े हुए किसानों से हल्दी की सूखी पत्तियों के इस्तेमाल पर बात कर रहे हैं।


Conclusion:

बाइट- डॉ एस के बारीक, निदेशक, एनबीआरआई
बाइट- डॉ एस के तिवारी, प्रधान वैज्ञानिक, एनबीआरआई

रामांशी मिश्रा
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