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Heart Attack Cases : समय-समय पर कराते रहें ब्लड प्रेशर की जांच, इन बातों का रखें ध्यान

इन दिनों हार्टअटैक के मामले (Heart Attack Cases) तेजी से बढ़ रहे हैं. ब्लड प्रेशर गड़बड़ाने के चलते लोगों को गंभीर बीमारियां भी हो रही हैं. केजीएमयू लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉ. ऋषि सेट्ठी ने बताया कि लोगों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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Published : Feb 9, 2023, 8:41 AM IST

लखनऊ : 'मौजूदा समय में हार्टअटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके अलावा व्यक्ति को तुरंत अटैक आता है और अस्पताल ले जाते वक्त ही मरीज की मौत हो जाती है. हालात यह हैं कि बड़ी संख्या में लोग गंभीर अवस्था में अस्पताल आते हैं. शुरूआत में लोगों को ब्लड प्रेशर गड़बड़ाने का अभास नहीं होता है. ब्लड प्रेशर से गंभीर दिल, गुर्दा समेत दूसरी बीमारी होती है. समय समय पर ब्लड प्रेशर की जांच करानी चाहिए.' यह जानकारी केजीएमयू लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉ. ऋषि सेट्ठी ने दी.

डॉ. ऋषि सेट्ठी ने कहा कि 'साल में कम से कम एक से दो बार ब्लड प्रेशर की जांच करानी चाहिए. जिन लोगों को ब्लड प्रेशर संबंधी बीमारी है वह डॉक्टर की सलाह पर नियमित दवा का सेवन करें.' उन्होंने बताया कि 'दवा व तकनीक ने इलाज की राह आसान की है. हेल्थ एटीएम डॉक्टरों का काफी समय बचाने में मददगार साबित होगा. हेल्थ एटीएम में ब्लड प्रेशर, बीएमआई, ईसीजी समेत दूसरी 27 तरह की जांचें हो सकती हैं.' इंडिया हेल्थ लिंक के अध्यक्ष डॉ. स्वदीप श्रीवास्तव ने कहा कि 'हेल्थ एटीएम के तहत प्रदेश सरकार से समझौता हुआ है, ताकि कम समय से अधिक से अधिक लोगों की जांच की जा सके.'



धूम्रपान व चाय पीने के बाद न कराएं जांच : डॉ. ऋषि ने कहा कि 'ब्लड प्रेशर एकदम आराम की अवस्था में जांचना चाहिए. सुबह नाश्ते से पहले या फिर रात में सोने से पहले जांचना बेहतर होगा, क्योंकि इन दोनों वक्त में व्यक्ति का तनाव कम होता है. धूम्रपान, चाय, काफी या भोजन के तुरंत बाद ब्लड प्रेशर नहीं जांचना चाहिए. इससे जांच गड़बड़ा सकती है.'

कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से पीड़ित 18 से 30 फीसदी मरीजों की मौत हो जाती है. मौत के इन आंकड़ों में आसानी से कमी लाई जा सकती है. डॉ. ऋषि के मुताबिक. जीवनशैली में सुधार लाएं. तली भुनी वस्तुओं से परहेज करें. रोजाना पैदल चलें. योग, ध्यान व कसरत करें. यदि बीमारी हो गई है तो दवाओं का नियमित सेवन करें. 15 से 16 फीसदी मौते कैंसर से हो रही हैं. 12 फीसदी ट्रॉमा व दूसरे कारणों से मरीज की मृत्यु हो रही है.'

समय पर अस्पताल नहीं आ पाते हार्ट अटैक के मरीज : डॉ. ऋषि ने बताया कि '30 से 50 फीसदी हार्ट अटैक के मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं. रास्ते में ही मरीजों की सांसें थम जाती हैं. इसके कई कारण हो सकते हैं. लोग शुरूआत में हार्ट अटैक के लक्षणों को समझ नहीं पाते हैं. जब तक मरीज को अस्पताल लाते हैं तब तक सांसें थम चुकी होती हैं.'

यह भी पढ़ें : Global Investors Summit 2023 : यूपी ATS व STF ड्रोन से करेगी निगरानी, हाईअलर्ट पर रहेगी पुलिस

लखनऊ : 'मौजूदा समय में हार्टअटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके अलावा व्यक्ति को तुरंत अटैक आता है और अस्पताल ले जाते वक्त ही मरीज की मौत हो जाती है. हालात यह हैं कि बड़ी संख्या में लोग गंभीर अवस्था में अस्पताल आते हैं. शुरूआत में लोगों को ब्लड प्रेशर गड़बड़ाने का अभास नहीं होता है. ब्लड प्रेशर से गंभीर दिल, गुर्दा समेत दूसरी बीमारी होती है. समय समय पर ब्लड प्रेशर की जांच करानी चाहिए.' यह जानकारी केजीएमयू लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉ. ऋषि सेट्ठी ने दी.

डॉ. ऋषि सेट्ठी ने कहा कि 'साल में कम से कम एक से दो बार ब्लड प्रेशर की जांच करानी चाहिए. जिन लोगों को ब्लड प्रेशर संबंधी बीमारी है वह डॉक्टर की सलाह पर नियमित दवा का सेवन करें.' उन्होंने बताया कि 'दवा व तकनीक ने इलाज की राह आसान की है. हेल्थ एटीएम डॉक्टरों का काफी समय बचाने में मददगार साबित होगा. हेल्थ एटीएम में ब्लड प्रेशर, बीएमआई, ईसीजी समेत दूसरी 27 तरह की जांचें हो सकती हैं.' इंडिया हेल्थ लिंक के अध्यक्ष डॉ. स्वदीप श्रीवास्तव ने कहा कि 'हेल्थ एटीएम के तहत प्रदेश सरकार से समझौता हुआ है, ताकि कम समय से अधिक से अधिक लोगों की जांच की जा सके.'



धूम्रपान व चाय पीने के बाद न कराएं जांच : डॉ. ऋषि ने कहा कि 'ब्लड प्रेशर एकदम आराम की अवस्था में जांचना चाहिए. सुबह नाश्ते से पहले या फिर रात में सोने से पहले जांचना बेहतर होगा, क्योंकि इन दोनों वक्त में व्यक्ति का तनाव कम होता है. धूम्रपान, चाय, काफी या भोजन के तुरंत बाद ब्लड प्रेशर नहीं जांचना चाहिए. इससे जांच गड़बड़ा सकती है.'

कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से पीड़ित 18 से 30 फीसदी मरीजों की मौत हो जाती है. मौत के इन आंकड़ों में आसानी से कमी लाई जा सकती है. डॉ. ऋषि के मुताबिक. जीवनशैली में सुधार लाएं. तली भुनी वस्तुओं से परहेज करें. रोजाना पैदल चलें. योग, ध्यान व कसरत करें. यदि बीमारी हो गई है तो दवाओं का नियमित सेवन करें. 15 से 16 फीसदी मौते कैंसर से हो रही हैं. 12 फीसदी ट्रॉमा व दूसरे कारणों से मरीज की मृत्यु हो रही है.'

समय पर अस्पताल नहीं आ पाते हार्ट अटैक के मरीज : डॉ. ऋषि ने बताया कि '30 से 50 फीसदी हार्ट अटैक के मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं. रास्ते में ही मरीजों की सांसें थम जाती हैं. इसके कई कारण हो सकते हैं. लोग शुरूआत में हार्ट अटैक के लक्षणों को समझ नहीं पाते हैं. जब तक मरीज को अस्पताल लाते हैं तब तक सांसें थम चुकी होती हैं.'

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