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यूपी की बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर आज से होगी सुनवाई, उठेगा स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर का मुद्दा

यूपी की बिजली दरों में बढ़ोतरी (Electricity rates in UP) को लेकर आज से विद्युत नियामक आयोग में सुनवाई होगी. पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम ने छह अप्रैल को बैक डेट में देर रात इन टेलीस्मार्ट को स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर अवार्ड कर दिया है. इसे लेकर भी चर्चा होनी है.

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यूपी में बिजली दर की बढ़ोतरी Electricity rates in UP यूपी में बिजली दर विद्युत नियामक आयोग बिजली दरों में बढ़ोतरी
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Published : Apr 10, 2023, 6:58 AM IST

लखनऊ: बिजली दर बढ़ोतरी को लेकर सोमवार से विद्युत नियामक आयोग की तरफ से सुनवाई शुरू हो जाएगी. सबसे पहले पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की सुनवाई होगी. बनारस में यह सुनवाई आयोजित की गई है. इस सुनवाई में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ता बिजली दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ अपनी आवाज तर्क के साथ उठा सकते हैं. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद उपभोक्ताओं के हित में बिजली दर न बढ़ाने को लेकर तर्क के साथ अपने साक्ष्य प्रस्तुत करेगा. साथ ही पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की तरफ से आनन-फानन में स्मार्ट कंपनी को स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर दिए जाने के मुद्दे को लेकर भी आवाज बुलंद करेगा.


पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम ने छह अप्रैल को बैक डेट में देर रात इन टेलीस्मार्ट को स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर अवार्ड कर दिया था. इसकी कुल पैकेज कास्ट 5517 करोड़ से कहीं अधिक 7529 करोड़ रुपये है. ये वर्तमान स्मार्ट प्रीपेड मीटर से लगभग 36.46 फीसदी ज्यादा है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि यह कहना बिल्कुल उचित होगा कि भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने दबाव बनाकर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में अपने अधीन काम करने वाली इन टेलीस्मार्ट कंपनी को टेंडर की एलओआई जारी करा दी.

अगर जारी आदेश के शर्तों पर नजर डालें, तो 6000 रुपए प्रति मीटर जो सिंगल फेज व थ्री फेज की कुल कास्ट भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने तय की थी, उससे कहीं ज्यादा सिंगल फेज स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कुल कास्ट सभी कार्यों सहित 8415 रुपये प्रति मीटर तय की गई है. दूसरी तरफ थ्री फेज स्मर्ट प्रीपेड मीटर जिसकी भी कुल कास्ट सभी कार्यों सहित 11897 रुपये तय की गई है. इसके आधार पर इसकी दर अलग-अलग निकाली जाए, तो यह लगभग 40 प्रतिशत तक अधिक होगी. यानी भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने बड़ी चालाकी से 6000 रुपये प्रति मीटर से अलग हटकर, एक नया बेस रेट 8415 रुपये का बनवा दिया.

अब आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल, दक्षिणांचल व मध्यांचल के स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर इससे नीचे दर पर जा ही नहीं सकते. सभी इसी को बेस मान लेंगे. ऐसे में इस पूरे प्रकरण की सीबीआई से जांच होनी चाहिए. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा यह बेहद गंभीर मामला है. विद्युत नियामक आयोग 10 अप्रैल से बिजली दर की बढोतरी की सुनवाई पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के बनारस क्षेत्र से करेगा. उपभोक्ता परिषद इस गंभीर मुद्दे को बनारस में पुरजोर तरीके से उठाएगा.

ये भी पढ़ें- चुनाव आचार संहिता लागू होते ही लखनऊ नगर निगम ने हटाए अवैध होर्डिंग और बैनर

लखनऊ: बिजली दर बढ़ोतरी को लेकर सोमवार से विद्युत नियामक आयोग की तरफ से सुनवाई शुरू हो जाएगी. सबसे पहले पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की सुनवाई होगी. बनारस में यह सुनवाई आयोजित की गई है. इस सुनवाई में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ता बिजली दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ अपनी आवाज तर्क के साथ उठा सकते हैं. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद उपभोक्ताओं के हित में बिजली दर न बढ़ाने को लेकर तर्क के साथ अपने साक्ष्य प्रस्तुत करेगा. साथ ही पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की तरफ से आनन-फानन में स्मार्ट कंपनी को स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर दिए जाने के मुद्दे को लेकर भी आवाज बुलंद करेगा.


पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम ने छह अप्रैल को बैक डेट में देर रात इन टेलीस्मार्ट को स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर अवार्ड कर दिया था. इसकी कुल पैकेज कास्ट 5517 करोड़ से कहीं अधिक 7529 करोड़ रुपये है. ये वर्तमान स्मार्ट प्रीपेड मीटर से लगभग 36.46 फीसदी ज्यादा है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि यह कहना बिल्कुल उचित होगा कि भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने दबाव बनाकर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में अपने अधीन काम करने वाली इन टेलीस्मार्ट कंपनी को टेंडर की एलओआई जारी करा दी.

अगर जारी आदेश के शर्तों पर नजर डालें, तो 6000 रुपए प्रति मीटर जो सिंगल फेज व थ्री फेज की कुल कास्ट भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने तय की थी, उससे कहीं ज्यादा सिंगल फेज स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कुल कास्ट सभी कार्यों सहित 8415 रुपये प्रति मीटर तय की गई है. दूसरी तरफ थ्री फेज स्मर्ट प्रीपेड मीटर जिसकी भी कुल कास्ट सभी कार्यों सहित 11897 रुपये तय की गई है. इसके आधार पर इसकी दर अलग-अलग निकाली जाए, तो यह लगभग 40 प्रतिशत तक अधिक होगी. यानी भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने बड़ी चालाकी से 6000 रुपये प्रति मीटर से अलग हटकर, एक नया बेस रेट 8415 रुपये का बनवा दिया.

अब आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल, दक्षिणांचल व मध्यांचल के स्मार्ट प्रीपेड मीटर के टेंडर इससे नीचे दर पर जा ही नहीं सकते. सभी इसी को बेस मान लेंगे. ऐसे में इस पूरे प्रकरण की सीबीआई से जांच होनी चाहिए. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा यह बेहद गंभीर मामला है. विद्युत नियामक आयोग 10 अप्रैल से बिजली दर की बढोतरी की सुनवाई पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के बनारस क्षेत्र से करेगा. उपभोक्ता परिषद इस गंभीर मुद्दे को बनारस में पुरजोर तरीके से उठाएगा.

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