लखनऊ : होटल लेवाना अग्निकांड (hotel levana fire) मामले के तीन अभियुक्तों की ओर से दाखिल अलग-अलग जमानत याचिकाओं पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है. तीनों अभियुक्त होटल के मालिक व मैनेजर हैं.
सोमवार को न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने तीनों अभियुक्तों की ओर से दाखिल जमानत याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की. याचियों की ओर से खुद को निर्दोष बताते हुए, दलील दी गई कि मामला दुर्घटना का है, जबकि उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में एफआईआर लिखा दी गई है. यह भी दलील दी गई कि यह कहना गलत है कि होटल के फायर सेफ़्टी उपकरण काम नहीं कर रहे थे. जमानत याचिकाओं का राज्य सरकार व पीड़ित परिवारों के अधिवक्ताओं द्वारा विरोध किया गया.
उल्लेखनीय है कि लेवाना अग्निकांड मामले की एफआईआर हज़रतगंज थाने के एसएसआई दयशंकर द्विवेदी ने 5 सितम्बर को दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया कि सुबह सात बजे होटल लेवाना सुइट्स में आग लग गई. पुलिसकर्मी, फ़ायर फाइटर और एसडीआरएफ की काफ़ी मशक़्क़त के बाद आग को क़ाबू पाया गया. इस घटना में चार व्यक्तियों के झुलसने और दम घुटने से मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए. आरोप है कि होटल के मालिकों और मैनेजर ने होटल में फायर सेफ़्टी की कोई व्यवस्था नहीं की थी, वहीं होटल से आकस्मिक निकलने और प्रवेश की कोई व्यवस्था नहीं थी. इस मामले में एक अन्य अभियुक्त पवन अग्रवाल की उम्र और बीमारियों को देखते हुए, हाईकोर्ट 19 अक्टूबर को उसकी अग्रिम जमानत मंजूर कर चुकी है.
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