लखनऊ : लखनऊ चिड़ियाघर का नर बबर शेर पृथ्वी बीते दो दिनों से पिछले पैरों से सही तरह से उठ नहीं पा रहा है. दर्शकों के लिए उसको बीते बुधवार की सुबह बाड़े में खोला गया था. इसी दिन शाम को वह अस्वस्थ हो गया था. वन्यजीव चिकित्सकों द्वारा तत्काल उसकी चिकित्सा शुरू कर दी हैं. हालांकि बबर शेर अपने पैरों से उठ नहीं पा रहा है. कीपर और प्राणि उद्यान के वन्य जीव चिकित्सक निरन्तर इसकी चिकित्सा एवं देखभाल कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ से लाया गया था पृथ्वी
उपनिदेशक डॉ. उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि बबर शेर पृथ्वी वर्ष 2015 में विलासपुर प्राणि उद्यान, छत्तीसगढ़ से लखनऊ प्राणि उद्यान लाया गया था. प्राणि उद्यान, लखनऊ में आने के समय इसकी उम्र लगभग सात-आठ वर्ष की थी. पृथ्वी और इसकी संगिनी मादा बबर शेरनी वसुन्धरा के द्वारा वर्ष 2015 में ही चार बच्चों का जन्म भी हुआ था. पृथ्वी उम्र की दृष्टि से वृद्ध हो चुका है और इसके स्वास्थ्य की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. इस सम्बन्ध में पशुपालन विभाग, लखनऊ के चिकित्सकों से भी परामर्श एवं सलाह ली गई है. सम्बन्धित कीपर एवं प्राणि उद्यान के चिकित्सकों द्वारा इसकी लगातार देखभाल और चिकित्सा की जा रही है. बीते बुधवार से पृथ्वी ने भोजन नहीं खाया है, लेकिन लगभग तीन लीटर पानी पी रहा है. बबर शेर को इन्ट्रावेनस फ्लूड के साथ अन्य औषधियां दी जा रही हैं. बबर शेर के लिए गर्मी से बचाव के लिए कूलर इत्यादि के इन्तजाम किए गए हैं.
रायबरेली से लाया गया सारस
इसके अलावा बीते बृहस्पतिवार को रायबरेली वन प्रभाग के तहत रायबरेली रेंज से ग्रामीणों की सूचना पर घायल सारस को सुरक्षा एवं चिकित्सा के लिए प्राणि उद्यान, लखनऊ लाया गया है. इसके लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा निर्देश दिए हैं. सारस को प्राणि उद्यान के वन्यजीव चिकित्सालय में रखा गया है और वन्यजीव चिकित्सकों द्वारा उसकी चिकित्सा सुरू कर दी गई है.