लखनऊ: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में बीते कुछ दिनों से चल रही लापरवाही और अनियमितताओं पर अब शासन भी सख्त होता नजर आ रहा है. संस्थान में मिली तमाम लापरवाही और अभद्रता के चलते उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने दो डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है.
अनुशासनहीनता का आरोप
लोहिया संस्थान में ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी विभाग की डॉ. शारदा पर आरोप लगा था कि सोमवार को इमरजेंसी में डिलीवरी करवाने आई गर्भवती महिला को कोविड-19 की जांच के लिए बूथ पर लाइन में लगने के लिए भेज दिया था. इसके बाद महिला ने लाइन में ही प्रसव पीड़ा होने पर बच्चे को जन्म दे दिया था. इस पूरे मामले पर डॉ. शारदा को माइक्रोबायोलॉजी प्रोटोकॉल के बावजूद मरीज को एक्टिव स्टेज ऑफ लेबर में कोविड-19 की जांच पर भेजने का दोषी पाया है और उन पर अनुशासनहीनता का आरोप लगा है, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है.
महिला डॉक्टर से अभद्रता करने का आरोप
लोहिया संस्थान के एनएसथीसियोलॉजी विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर नीरज गौतम को भी सस्पेंड किया गया है. डॉक्टर नीरज पर पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने अभद्रता का आरोप लगाया था. इस मामले पर लोहिया संस्थान प्रशासन ने भी आंतरिक शिकायत समिति के अध्यक्ष को कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. इसके बाद गुरुवार को मंत्री सुरेश खन्ना के निर्देश पर डॉक्टर नीरज गौतम को भी सस्पेंड कर दिया गया है.
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान पिछले कई दिनों से विवादों के घेरे में है. पहले संस्थान के पूर्व निदेशक डॉक्टर एके त्रिपाठी पर लापरवाही का आरोप लगा था, जिसके बाद उन्हें पद से हटना पड़ा और इसके बाद से ही लगातार संस्थान में कुछ ऐसी घटनाएं प्रकाश में आईं, जिससे संस्थान की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं.