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लखनऊ: दस्त और डायरिया से नहीं होगी मौत, जानिए कैसे

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Published : May 29, 2019, 2:47 PM IST

लखनऊ के वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय में प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का शुभारंभ किया. इस पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य दस्त और डायरिया जैसी बीमारी को रोकने और उसके प्रति जागरूकता फैलाना है.

प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का किया शुभारंभ.

लखनऊ: वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय में प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का शुभारंभ किया. यह पखवाड़ा 28 मई से 9 जून तक प्रदेश के सभी जिलों में मनाया जाएगा. इस पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य बच्चों में दस्त और डायरिया जैसी बीमारी को रोकने और उसके प्रति जागरूकता फैलाना है.

प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का किया शुभारंभ.

इस कार्यक्रम में 1 ओआरएस कॉर्नर भी बनाया गया था, जहां पर वीरांगना रानी अवंतीबाई महिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान ने ओआरएस का घोल बनाने और बच्चों को ओआरएस और जिंक देने की विधि के बारे में भी स्वास्थ्य मंत्री को समझाया.

इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ पद्माकर सिंह, परिवार कल्याण विभाग की महानिदेशक डॉ नीना गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल, आरआई विभाग के महाप्रबंधक डॉ वेदप्रकाश, बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय के निदेशक डॉ डीएस नेगी, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ एचएस दानू, सीएमएस डॉक्टर एके सिंह, चिकित्सा अधीक्षक आशुतोष दुबे, सभी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और यूनिसेफ के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे.

पखवाड़ा बहुत महत्वपूर्ण है. जेईई और इससे पहले बहुत बच्चे मरते थे, लेकिन हमने प्रभावशाली कैंपेन चलाया. इसके तहत हमने मृत्यु दर में 67 प्रतिशत कमी कर दी है. यह कार्य आशा बहुओं, एएनएम और स्वास्थ्य कर्मियों के बिना नहीं हो सकता था इसलिए आप लोग फ्लोरेंस नाइटेंगल की तरह ही हैं. हमारे प्रदेश में अभी भी डायरिया से 10 प्रतिशत मृत्यु होती है, लेकिन मुझे आशा है कि इस कैंपेन के तहत अगले वर्ष जब हम मिलेंगे तो इसमें जरूर कमी आएगी. दस्त की वजह से कोई बच्चा मौत के मुंह में नहीं जाएगा.

-सिद्धार्थ नाथ सिंह, चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री, यूपी

लखनऊ: वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय में प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का शुभारंभ किया. यह पखवाड़ा 28 मई से 9 जून तक प्रदेश के सभी जिलों में मनाया जाएगा. इस पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य बच्चों में दस्त और डायरिया जैसी बीमारी को रोकने और उसके प्रति जागरूकता फैलाना है.

प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का किया शुभारंभ.

इस कार्यक्रम में 1 ओआरएस कॉर्नर भी बनाया गया था, जहां पर वीरांगना रानी अवंतीबाई महिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान ने ओआरएस का घोल बनाने और बच्चों को ओआरएस और जिंक देने की विधि के बारे में भी स्वास्थ्य मंत्री को समझाया.

इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ पद्माकर सिंह, परिवार कल्याण विभाग की महानिदेशक डॉ नीना गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल, आरआई विभाग के महाप्रबंधक डॉ वेदप्रकाश, बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय के निदेशक डॉ डीएस नेगी, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ एचएस दानू, सीएमएस डॉक्टर एके सिंह, चिकित्सा अधीक्षक आशुतोष दुबे, सभी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और यूनिसेफ के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे.

पखवाड़ा बहुत महत्वपूर्ण है. जेईई और इससे पहले बहुत बच्चे मरते थे, लेकिन हमने प्रभावशाली कैंपेन चलाया. इसके तहत हमने मृत्यु दर में 67 प्रतिशत कमी कर दी है. यह कार्य आशा बहुओं, एएनएम और स्वास्थ्य कर्मियों के बिना नहीं हो सकता था इसलिए आप लोग फ्लोरेंस नाइटेंगल की तरह ही हैं. हमारे प्रदेश में अभी भी डायरिया से 10 प्रतिशत मृत्यु होती है, लेकिन मुझे आशा है कि इस कैंपेन के तहत अगले वर्ष जब हम मिलेंगे तो इसमें जरूर कमी आएगी. दस्त की वजह से कोई बच्चा मौत के मुंह में नहीं जाएगा.

-सिद्धार्थ नाथ सिंह, चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री, यूपी

Intro:लखनऊ। वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय में प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का शुभारंभ किया। यह पखवाड़ा 28 मई से 9 जून तक प्रदेश के सभी जिलों में मनाया जाएगा। इस पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य बच्चों में दस्त और डायरिया जैसी बीमारी को रोकने और उसके प्रति जागरूकता फैलाना है।


Body:वीओ इस कार्यक्रम में 1 ओआरएस कॉर्नर भी बनाया गया था जहां पर वीरांगना रानी अवंती बाई महिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सलमान ने ओआरएस का घोल बनाने और बच्चों को ओआरएस और जिंक देने की विधि के बारे में भी स्वास्थ्य मंत्री को समझाया। इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पखवाड़ा बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जेईई और इससे पहले बहुत बच्चे मरते थे लेकिन हमने प्रभावशाली कैंपेन चलाया जिसके तहत हमने मृत्यु दर में 67% कमी कर दी है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा कि यह कार्य आशा बहुओ, एएनएम और स्वास्थ्य कर्मियों के बिना नहीं हो सकता था इसलिए आप लोग फ्लोरेंस नाइटेंगल की तरह ही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश में अभी भी डायरिया से 10% मृत्यु होती है लेकिन मुझे आशा है कि इस कैंपेन के तहत अगले वर्ष जब हम मिलेंगे तो इसमें जरूर कमी आएगी और दस्त की वजह से कोई बच्चा मौत के मुंह में नहीं जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि यह कैंपेन जब चलाई जाए तो प्रिवेंशन पर भी ध्यान दिया जाए कि इन लोगों को कैसे रोका जाए और कैसे कुछ और विभागों को जोड़कर इसमें सकारात्मक पहल लाई जा सके।


Conclusion:इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ पद्माकर सिंह, परिवार कल्याण विभाग की महानिदेशक डॉ नीना गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल, आर आई विभाग के महाप्रबंधक डॉ वेदप्रकाश, बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय के निदेशक डॉ डीएस नेगी, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ एचएस दानू, सीएमएस डॉक्टर ए के सिंह, चिकित्सा अधीक्षक आशुतोष दुबे, सभी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और यूनिसेफ के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। बाइट- सिद्धार्थ नाथ सिंह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री उत्तर प्रदेश रामांशी मिश्रा
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