लखनऊ : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (community health centers) पर रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सकों की कमी की भरपाई के लिए स्वास्थ्य विभाग एमबीबीएस चिकित्सकों को अल्ट्रासोनोग्राफी स्क्रीनिंग का छह माह का विशेष प्रशिक्षण दिलाएगा. यह प्रशिक्षण विभिन्न जिलों में स्थित मेडिकल कॉलेजों में दिया जाएगा. प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए विभाग में पांच वर्ष की सेवाएं दे चुके एमबीबीएस चिकित्सकों से आवेदन मांगे हैं. बीते सोमवार को महानिदेशक प्रशिक्षण द्वारा आवेदन फार्म जारी कर दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग में महानिदेशक प्रशिक्षण डॉ. अनीता जोशी ने बताया कि विभाग में रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सकों की कमी है, जिसकी वजह से ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्र स्थित एफआरयू में भी कमी है. गर्भवतियों को अल्ट्रासाउंड जांच के लिए जिला अस्पताल या अन्य सरकारी अस्पताल जाना पड़ता है. एफआरयू में गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने बताया कि विभाग के एमबीबीएस चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, प्रशिक्षण स्थानीय मेडिकल कॉलेज में दिया जाएगा. महानिदेशक प्रशिक्षण ने बताया कि जो चिकित्सक पूर्व में चार माह का प्रशिक्षण ले चुके हैं या अन्य किसी विषय का प्रशिक्षण ले चुके हैं उनके लिए आवेदन जरूरी नहीं है.
चिकित्सकों को प्रशिक्षण मिलने के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों को सहूलियत हो जाएगी. उन्हें वहीं पर इलाज मिल पाएगा. कई बार होता है कि उन्हें तमाम जांचों के लिए केजीएमयू, लोहिया, बलरामपुर और लोकबंधु जैसे बड़े अस्पतालों में जाना पड़ता है.