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यूपी में नहीं भरी हज यात्रियों की सीट, उलेमा ने कहा- गिरती अर्थव्यवस्था बनी वजह - दारुल उलूम के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी

देशभर में सबसे ज्यादा 30 हजार से अधिक का कोटा सिर्फ यूपी के पास है, लेकिन हज आवेदन की अंतिम तिथि 5 दिसम्बर नजदीक आने के बाद भी हज के आवेदन इस साल पूरे नहीं हो सके हैं. उलेमाओं ने इस पर चिंता जताते हुए गिरती अर्थव्यवस्था को वजह बताया है.

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उत्तर प्रदेश में हज जाने वाले यात्रियों की संख्या में आई कमी.
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Published : Dec 4, 2019, 11:31 PM IST

Updated : Dec 5, 2019, 12:34 AM IST

लखनऊ: मुसलमानों के पाक और मुकद्दस हज के सफर की जहां तैयारियां इन दिनों जोरों पर है, वहीं यूपी से इस बार हज के सफर पर जाने वाले यात्रियों की तादाद घट गई है. इस पर उलेमाओं ने जहां हज कमेटी के साथ सरकार को भी इस पर ध्यान देने की बात कही है. वहीं इसके पीछे गिरती अर्थव्यवस्था और हज कमेटी के बदइंतजामी को बड़ी वजह बताया है.

प्रदेश में हज जाने वाले यात्रियों की संख्या में आई कमी.

कोटे से कम हुए आवेदन
देश से सबसे ज्यादा हज के सफर पर जाने वाले आजमीन (हज यात्री) यूपी से होते हैं. यूपी को 30 हजार से ज्यादा का कोटा निर्धारित है, लेकिन इस बार कोटे से भी कम आवेदन हुए हैं, जिसके चलते उलेमा ने चिंता व्यक्त करते हुए सरकार और हज कमेटी को इस ओर ध्यान देने की बात कही है. वहीं इसकी वजह बढ़ती महंगाई और गिरती अर्थव्यवस्था को मान रहे है.

दारुल उलूम प्रवक्ता ने बताई यह वजह
दारुल उलूम के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि नोटबन्दी के बाद से देश की अर्थव्यवस्था लगातार गिर रही है, जिसकी वजह से देश का हर शहरी प्रभावित हुआ है. ऐसे में हज पर जाने के लिए भी लोग आवेदन नहीं कर पा रहे हैं.

साथ ही मौलाना सुफियान ने कहा कि हज के दौरान हज कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से बेहतर इंतजाम न होने और लोगों को होने वाली दुश्वारियां भी वजह बन रही हैं, जिससे लोग इससे किनारा कर रहे हैं.

मौलना फिरंगी रशीद ने बताई यह वजह
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने हज यात्रियों की गिरती तादाद पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मौजूदा वक्त में महंगाई बढ़ रही है और आमदनी कम हो रही है, जिसके चलते लोग हज पर नहीं जा पा रहे हैं. इसके साथ ही फिरंगी महली ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया काफी गिर रहा है, जिससे हज का सफर भी महंगा हो गया है, जिसके चलते लोग हज पर नहीं जा रहे हैं.

फिरंगी महली ने कहा कि हज कमेटी ऑफ इंडिया को इस मामले में समीक्षा करनी चाहिए कि कौन से ऐसे कदम उठाये जाए जिससे हज यात्रियों की घटती तादाद को रोका जा सके.

ये भी पढ़ें: DG कारागार आनंद कुमार को मिली DG होमगार्ड की जिम्मेदारी

बता दें कि दुनिया भर में भारत को इंडोनेशिया के बाद सबसे ज़्यादा यानी 2 लाख का कोटा निर्धारित है, जिसमें सबसे ज्यादा 30 हजार से अधिक का कोटा सिर्फ यूपी के पास है, लेकिन हज आवेदन की अंतिम तिथि 5 दिसम्बर नजदीक आने के बाद भी हज के आवेदन इस साल पूरे नहीं हो सके हैं जो सरकार के साथ हज कमेटी ऑफ इंडिया के लिए चिंता की बात है.

लखनऊ: मुसलमानों के पाक और मुकद्दस हज के सफर की जहां तैयारियां इन दिनों जोरों पर है, वहीं यूपी से इस बार हज के सफर पर जाने वाले यात्रियों की तादाद घट गई है. इस पर उलेमाओं ने जहां हज कमेटी के साथ सरकार को भी इस पर ध्यान देने की बात कही है. वहीं इसके पीछे गिरती अर्थव्यवस्था और हज कमेटी के बदइंतजामी को बड़ी वजह बताया है.

प्रदेश में हज जाने वाले यात्रियों की संख्या में आई कमी.

कोटे से कम हुए आवेदन
देश से सबसे ज्यादा हज के सफर पर जाने वाले आजमीन (हज यात्री) यूपी से होते हैं. यूपी को 30 हजार से ज्यादा का कोटा निर्धारित है, लेकिन इस बार कोटे से भी कम आवेदन हुए हैं, जिसके चलते उलेमा ने चिंता व्यक्त करते हुए सरकार और हज कमेटी को इस ओर ध्यान देने की बात कही है. वहीं इसकी वजह बढ़ती महंगाई और गिरती अर्थव्यवस्था को मान रहे है.

दारुल उलूम प्रवक्ता ने बताई यह वजह
दारुल उलूम के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि नोटबन्दी के बाद से देश की अर्थव्यवस्था लगातार गिर रही है, जिसकी वजह से देश का हर शहरी प्रभावित हुआ है. ऐसे में हज पर जाने के लिए भी लोग आवेदन नहीं कर पा रहे हैं.

साथ ही मौलाना सुफियान ने कहा कि हज के दौरान हज कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से बेहतर इंतजाम न होने और लोगों को होने वाली दुश्वारियां भी वजह बन रही हैं, जिससे लोग इससे किनारा कर रहे हैं.

मौलना फिरंगी रशीद ने बताई यह वजह
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने हज यात्रियों की गिरती तादाद पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मौजूदा वक्त में महंगाई बढ़ रही है और आमदनी कम हो रही है, जिसके चलते लोग हज पर नहीं जा पा रहे हैं. इसके साथ ही फिरंगी महली ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया काफी गिर रहा है, जिससे हज का सफर भी महंगा हो गया है, जिसके चलते लोग हज पर नहीं जा रहे हैं.

फिरंगी महली ने कहा कि हज कमेटी ऑफ इंडिया को इस मामले में समीक्षा करनी चाहिए कि कौन से ऐसे कदम उठाये जाए जिससे हज यात्रियों की घटती तादाद को रोका जा सके.

ये भी पढ़ें: DG कारागार आनंद कुमार को मिली DG होमगार्ड की जिम्मेदारी

बता दें कि दुनिया भर में भारत को इंडोनेशिया के बाद सबसे ज़्यादा यानी 2 लाख का कोटा निर्धारित है, जिसमें सबसे ज्यादा 30 हजार से अधिक का कोटा सिर्फ यूपी के पास है, लेकिन हज आवेदन की अंतिम तिथि 5 दिसम्बर नजदीक आने के बाद भी हज के आवेदन इस साल पूरे नहीं हो सके हैं जो सरकार के साथ हज कमेटी ऑफ इंडिया के लिए चिंता की बात है.

Intro:मुसलमानों के पाक और मुकद्दस हज के सफर की जहाँ तैयारियां इन दिनों ज़ोरो पर है वहीं यूपी से इस बार हज के सफर पर जाने वाले हाजियों की तादाद घट गई है जिसपर उलमा ने जहाँ हज कमेटी के साथ सरकार को भी इसपर ध्यान देने की बात कही है वहीं इसके पीछे गिरती अर्थव्यवस्था और हज कमेटी के बदइंतजामी को बड़ी वजह बताया है।


Body:देश से सबसे ज़्यादा हज के सफर पर जाने वाले आजमीन(हज यात्री) यूपी से होते है जहाँ यूपी को 30 हज़ार से ज़्यादा का कोटा निर्धारित है लेकिन इस बार कोटे से भी कम आवेदन हुए है जिसके चलते उलमा चिंता व्यक्त करते हुए सरकार और हज कमेटी को इस ओर ध्यान देने की और बेहतर कदम उठाने की बात कर रहे है वहीं इसकी वजह बढ़ती महंगाई और गिरती अर्थव्यवस्था को मान रहे है। दारुल उलूम के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निज़ामी ने कहा कि नोटबन्दी के बाद से देश की अर्थव्यवस्था लागातार गिर रही है जिसकी वजह से देश का हर शहरी प्रभावित हुआ है ऐसे में हज पर जाने के लिए भी लोग आवेदन नही कर रहे है साथ ही मौलाना सुफियान ने कहा कि हज के दौरान हज कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से बेहतर इंतेज़ाम न होने और लोगो को होने वाली दुश्वारियां भी वजह बन रही है कि लोग इससे किनारा कर रहे है।

मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने हज यात्रियों की गिरती तादाद पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मौजूदा वक्त में महंगाई बढ़ रही है और आमदनी कम हो रही जिसके चलते लोग हज पर नही जा पा रहे है इसके साथ ही फिरंगी महली ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया काफी गिर रहा है जिससे हज का सफर भी महंगा हो गया जिसके चलते लोग हज पर नही जा रहे है। फिरंगी महली ने कहा कि हज कमेटी ऑफ इंडिया को इस मामले में समीक्षा करनी चाहिए कि कौनसे ऐसे कदम उठाये जाए जिससे हज यात्रियों की घटती तादाद को रोका जा सकें।

बाइट1- मौलाना सुफियान निज़ामी, प्रवक्ता, दारुल उलूम

बाइट2- मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली, मुस्लिम धर्मगुरु


Conclusion:बताते चलें कि दुनिया भर में भारत को इंडोनेशिया के बाद सबसे ज़्यादा यानी 2 लाख का कोटा निर्धारित है जिसमें सबसे ज़्यादा 30 हज़ार से अधिक का कोटा सिर्फ यूपी पास है लेकिन हज आवेदन की अंतिम तिथि 5 दिसम्बर नज़दीक आने के बाद भी हज के आवेदन इस साल पूरे नही हो सकें है जो सरकार के साथ हज कमेटी ऑफ इंडिया के लिए चिंता की बात है।
Last Updated : Dec 5, 2019, 12:34 AM IST
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