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आनेवाली सरकार से लोगों को उम्मीदें, बेरोजगारी और महंगाई को बताया अहम मुद्दा - लखनऊ न्यूज

लखनऊ में लोगों को नई सरकार से उम्मीदें हैं. चुनावी मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत ने युवाओं और अन्य वर्गों से बातचीत की. इस दौरान लोगों ने आने वाली सरकार से अपनी अपेक्षाएं और राय बताई.

लोगों ने बेरोजगारी और महंगाई को अहम मुद्दा बताया.
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Published : May 1, 2019, 10:24 AM IST


लखनऊ : चुनाव के नजदीक आते ही सभी को चुनावी वादे और जुमलेबाजी का असर दिखने लगता है. पहले की अपेक्षा आज का युवा जुमलेबाजी और चुनावी वादों के प्रति ज्यादा संजीदा और समझदार हो चुका है. ऐसे में ईटीवी भारत ने युवाओं से बातचीत की और जानना चाहा कि चुनाव के बाद आने वाली सरकार से उनकी क्या अपेक्षाएं हैं.

लोगों ने बेरोजगारी और महंगाई को अहम मुद्दा बताया.


लोगों से बातचीत के प्रमुख अंश

  • एमएससी की छात्रा पूजा यादव का कहना है कि बेरोजगारी का मुद्दा ही आजकल के युवाओं की पहली परेशानी है. रोजगार के बारे में सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए.
  • ग्रेजुएशन के छात्र अभिजीत ने कहा कि पढ़ाई सस्ती होनी चाहिए ताकि गरीब बच्चे भी हायर एजुकेशन ले सकें.
  • अंजली ने बताया कि नारी सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. युवाओं के अलावा गृहस्थ महिलाओं से जब बात की गई तो उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई था.
  • गृहणी रुपाली का कहना है कि सातवां वेतन आयोग की नीति को सुधारना चाहिए, क्योंकि हमारी सैलरी से ही हमारा घर चलता है.
  • गृहणी वीके वर्मा का कहना है युवाओं की बेरोजगारी पर ध्यान देना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए.

चुनाव के दौरान उम्मीदवारों और पार्टी के बीच ज्यादातर लोगों ने उम्मीदवारों को अपनी प्राथमिकता दी. क्योंकि उम्मीदवार ही उनके क्षेत्र में काम करता है और वही उनकी परेशानियों को अच्छी तरह से समझ सकता है. युवाओं और अन्य वर्गों का यही मानना है कि आम जनता से जुड़ी हुई परेशानियों के बारे में सरकार को पहले सोचना चाहिए.


लखनऊ : चुनाव के नजदीक आते ही सभी को चुनावी वादे और जुमलेबाजी का असर दिखने लगता है. पहले की अपेक्षा आज का युवा जुमलेबाजी और चुनावी वादों के प्रति ज्यादा संजीदा और समझदार हो चुका है. ऐसे में ईटीवी भारत ने युवाओं से बातचीत की और जानना चाहा कि चुनाव के बाद आने वाली सरकार से उनकी क्या अपेक्षाएं हैं.

लोगों ने बेरोजगारी और महंगाई को अहम मुद्दा बताया.


लोगों से बातचीत के प्रमुख अंश

  • एमएससी की छात्रा पूजा यादव का कहना है कि बेरोजगारी का मुद्दा ही आजकल के युवाओं की पहली परेशानी है. रोजगार के बारे में सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए.
  • ग्रेजुएशन के छात्र अभिजीत ने कहा कि पढ़ाई सस्ती होनी चाहिए ताकि गरीब बच्चे भी हायर एजुकेशन ले सकें.
  • अंजली ने बताया कि नारी सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. युवाओं के अलावा गृहस्थ महिलाओं से जब बात की गई तो उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई था.
  • गृहणी रुपाली का कहना है कि सातवां वेतन आयोग की नीति को सुधारना चाहिए, क्योंकि हमारी सैलरी से ही हमारा घर चलता है.
  • गृहणी वीके वर्मा का कहना है युवाओं की बेरोजगारी पर ध्यान देना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए.

चुनाव के दौरान उम्मीदवारों और पार्टी के बीच ज्यादातर लोगों ने उम्मीदवारों को अपनी प्राथमिकता दी. क्योंकि उम्मीदवार ही उनके क्षेत्र में काम करता है और वही उनकी परेशानियों को अच्छी तरह से समझ सकता है. युवाओं और अन्य वर्गों का यही मानना है कि आम जनता से जुड़ी हुई परेशानियों के बारे में सरकार को पहले सोचना चाहिए.

Intro:नोट- चेयरमैन सर के कार्यालय से निर्देशित खबर

लखनऊ। जैसे-जैसे चुनावी पर्व नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे ही राजनेताओं के चुनावी वादे भी बढ़-चढ़कर सामने आ रहे हैं उसके साथ ही साथ लोगों की अपेक्षाएं भी आने वाली सरकार से बढ़ती जा रही है। अपेक्षा और उम्मीदों में आम जनता की बेहतरी उनकी सुरक्षा से जुड़े मसले शामिल हैं।


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चुनाव के नजदीक आते आते सभी को चुनावी वादे और जुमलेबाजी का असर दिखने लगता है। पहले की अपेक्षा आज का युवा जुमलेबाजी और चुनावी वादों के प्रति ज्यादा संजीदा और समझदार हो चुका है। ऐसे में हमने युवाओं से पूछा कि चुनाव के बाद आने वाली सरकार से उनकी क्या अपेक्षाएं हैं तो उन्होंने अपने आसपास से जुड़े कई मुद्दों के बारे में उम्मीद जताई कि वह मुद्दे सरकार की नीतियों में शामिल हो सकेंगे। एमएससी की स्टूडेंट पूजा यादव का कहना है कि बेरोजगारी का मुद्दा ही आजकल के युवाओं की पहली परेशानी है। रोजगार के बारे में सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए। वहीं ग्रेजुएशन के स्टूडेंट अभिजीत कहते हैं की पढ़ाई सस्ती होनी चाहिए ताकि गरीब बच्चे भी हायर एजुकेशन ले सकें। अंजली का कहना है नारी सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।

युवाओं के अलावा घर गृहस्थी चलाने वाली महिलाओं से जब हमने बात की तो उनका सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई था। रूपाली का कहना है कि सेवंथ पे कमिशन की नीति को सुधारना चाहिए क्योंकि हमारी सैलरी से ही हमारा घर चलता है। वहीं वीके वर्मा का कहना है युवाओं की बेरोजगारी पर ध्यान देना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके अलावा निर्मला का कहना है कि महंगाई कम होनी चाहिए तभी हमारी गृहस्थी भी सही ढंग से चल सकेगी।

इन सब के अलावा हमने चाय बनाने वाले शत्रुघ्न कश्यप से भी बात की। उनका कहना है कि उन की और उन जैसे लोगों या वर्गों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के बारे में सरकार को सोचना चाहिए क्योंकि उनकी रोजी-रोटी से ही उनका घर चलता है। चुनाव के बारे में शत्रुघ्न कहते हैं कि वह पहले पार्टी देते हैं और सोच समझ कर भी अपना मतदान देते हैं।


Conclusion:इलेक्शन के दौरान उम्मीदवारों और पार्टी के बीच ज्यादातर लोगों का मानना था कि वह उम्मीदवारों को अपनी प्राथमिकता देते हैं। क्योंकि उम्मीदवार ही उनके क्षेत्र में काम करता है और वही उनकी परेशानियों को अच्छी तरह से समझ भी सकता है और उसका निस्तारण भी कर सकता है। कुल मिलाकर चुनाव के दौरान युवाओं और अन्य वर्गों का यही मानना है कि आम जनता से जुड़ी हुई परेशानियों के बारे में सरकार को पहले सोचना चाहिए।

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रामांशी मिश्रा
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