लखनऊ : चुनाव के नजदीक आते ही सभी को चुनावी वादे और जुमलेबाजी का असर दिखने लगता है. पहले की अपेक्षा आज का युवा जुमलेबाजी और चुनावी वादों के प्रति ज्यादा संजीदा और समझदार हो चुका है. ऐसे में ईटीवी भारत ने युवाओं से बातचीत की और जानना चाहा कि चुनाव के बाद आने वाली सरकार से उनकी क्या अपेक्षाएं हैं.
लोगों से बातचीत के प्रमुख अंश
- एमएससी की छात्रा पूजा यादव का कहना है कि बेरोजगारी का मुद्दा ही आजकल के युवाओं की पहली परेशानी है. रोजगार के बारे में सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए.
- ग्रेजुएशन के छात्र अभिजीत ने कहा कि पढ़ाई सस्ती होनी चाहिए ताकि गरीब बच्चे भी हायर एजुकेशन ले सकें.
- अंजली ने बताया कि नारी सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. युवाओं के अलावा गृहस्थ महिलाओं से जब बात की गई तो उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई था.
- गृहणी रुपाली का कहना है कि सातवां वेतन आयोग की नीति को सुधारना चाहिए, क्योंकि हमारी सैलरी से ही हमारा घर चलता है.
- गृहणी वीके वर्मा का कहना है युवाओं की बेरोजगारी पर ध्यान देना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए.
चुनाव के दौरान उम्मीदवारों और पार्टी के बीच ज्यादातर लोगों ने उम्मीदवारों को अपनी प्राथमिकता दी. क्योंकि उम्मीदवार ही उनके क्षेत्र में काम करता है और वही उनकी परेशानियों को अच्छी तरह से समझ सकता है. युवाओं और अन्य वर्गों का यही मानना है कि आम जनता से जुड़ी हुई परेशानियों के बारे में सरकार को पहले सोचना चाहिए.