लखनऊः देश भर में सुरक्षा व्यवस्था गंभीर मुद्दा है. तहजीब के इस शहर लखनऊ में 75 जिलों के कार्यालय, मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों के कार्यालय मौजूद हैं. नवाबों की नगरी कहा जाने वाला यह शहर पहले से ही मशहूर माना गया है फिर चाहे वह नवाबों के राज में हो या फिर लोकतंत्र में किसी सत्ताधारी पार्टी की सरकार को लेकर हो.
शहर की सुरक्षा और शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह और एसएसपी कलानिधि नैथानी कई अहम कदम उठा रहे हैं और कई तरह के ऑपरेशन भी कर रहे हैं. अब सवाल यह उठता है कि पुलिस प्रशासन की तरफ से उठाए गए इस कदम में रात की सुरक्षा व्यवस्था कितनी सही साबित होती है.
ईटीवी भारत के संवाददाता ने किया मिडनाइट सुरक्षा व्यवस्था का जायजा
मिडनाइट सुरक्षा व्यवस्था देखने के लिए ईटीवी भारत के संवाददाता ने रात में कई ऐसी जगहों को चिन्हित किया जो राजधानी में अहम मानी जाती है. शहर के मशहूर गिने-चुने स्थानों का नाम हर किसी के जुबां पर जरूर होता है. हमारे संवाददाता ने रात की सुरक्षा व्यवस्था को देखने के लिए उन्हीं जगहों का जायजा लिया.
मिडनाइट सुरक्षा व्यवस्था कहीं पास तो कहीं फेल
इस जांच पड़ताल का सिलसिला सबसे पहले राजधानी के हजरतगंज चौराहे से शुरू किया गया, जहां पर पुलिस प्रशासन की तरफ से कोई भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं मिला. यहां तक की वीवीआईपी गेस्ट हाउस के चौराहे पर भी पुलिस मौजूद नहीं मिली. जांच पड़ताल के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए निशातगंज रोड के अगले चौराहे पर भी कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं मिला. रात में कहीं-कहीं DIAL 100 और पीआरबी की गाड़ियां देखने को जरूर मिलीं.
अब राजधानी के संकल्प वाटिका से होते हुए निशातगंज ओवरफ्लाई से महानगर की ओर चलते हैं, जहां महानगर स्थित गोल मार्केट चौराहे पर पुलिस बखूबी अपनी जिम्मेदारियां निभाती हुई नजर आई.
सुरक्षा व्यवस्था को देखने के लिए कपूरथला से अलीगंज की तरफ निकले तो वहां पर अलीगंज की एक जिप्सी वाहन सुरक्षा व्यवस्था में मौजूद मिली. मिडनाइट ऑपरेशन में पुरनिया चौराहे पर कोई भी पुलिसकर्मी नहीं मिला, लेकिन बीच-बीच में पीआरबी की गाड़ी और डॉयल 100 की गाड़ियां गश्त करते हुए जरूर देखने को मिली.