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आइये देखते हैं मिडनाइट में कितने सुरक्षित हैं लखनऊ के नवाब....

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आधी रात में क्या हाल हैं. आप सुरक्षित हैं या नहीं. इस बात की पड़ताल करने निकली ETV BHARAT की टीम. जानिए मिडनाइट पड़ताल के हाल, कहीं व्यवस्था थी चाक चौबंद तो कहीं भगवान भरोसे थी राजधानी...

लखनऊ में मिडनाइट सुरक्षा व्यवस्था का रियलिटी चेक.
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Published : Oct 9, 2019, 11:56 PM IST

लखनऊः देश भर में सुरक्षा व्यवस्था गंभीर मुद्दा है. तहजीब के इस शहर लखनऊ में 75 जिलों के कार्यालय, मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों के कार्यालय मौजूद हैं. नवाबों की नगरी कहा जाने वाला यह शहर पहले से ही मशहूर माना गया है फिर चाहे वह नवाबों के राज में हो या फिर लोकतंत्र में किसी सत्ताधारी पार्टी की सरकार को लेकर हो.

लखनऊ में मिडनाइट सुरक्षा व्यवस्था का रियलिटी चेक.

शहर की सुरक्षा और शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह और एसएसपी कलानिधि नैथानी कई अहम कदम उठा रहे हैं और कई तरह के ऑपरेशन भी कर रहे हैं. अब सवाल यह उठता है कि पुलिस प्रशासन की तरफ से उठाए गए इस कदम में रात की सुरक्षा व्यवस्था कितनी सही साबित होती है.

ईटीवी भारत के संवाददाता ने किया मिडनाइट सुरक्षा व्यवस्था का जायजा
मिडनाइट सुरक्षा व्यवस्था देखने के लिए ईटीवी भारत के संवाददाता ने रात में कई ऐसी जगहों को चिन्हित किया जो राजधानी में अहम मानी जाती है. शहर के मशहूर गिने-चुने स्थानों का नाम हर किसी के जुबां पर जरूर होता है. हमारे संवाददाता ने रात की सुरक्षा व्यवस्था को देखने के लिए उन्हीं जगहों का जायजा लिया.

मिडनाइट सुरक्षा व्यवस्था कहीं पास तो कहीं फेल
इस जांच पड़ताल का सिलसिला सबसे पहले राजधानी के हजरतगंज चौराहे से शुरू किया गया, जहां पर पुलिस प्रशासन की तरफ से कोई भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं मिला. यहां तक की वीवीआईपी गेस्ट हाउस के चौराहे पर भी पुलिस मौजूद नहीं मिली. जांच पड़ताल के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए निशातगंज रोड के अगले चौराहे पर भी कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं मिला. रात में कहीं-कहीं DIAL 100 और पीआरबी की गाड़ियां देखने को जरूर मिलीं.

अब राजधानी के संकल्प वाटिका से होते हुए निशातगंज ओवरफ्लाई से महानगर की ओर चलते हैं, जहां महानगर स्थित गोल मार्केट चौराहे पर पुलिस बखूबी अपनी जिम्मेदारियां निभाती हुई नजर आई.

सुरक्षा व्यवस्था को देखने के लिए कपूरथला से अलीगंज की तरफ निकले तो वहां पर अलीगंज की एक जिप्सी वाहन सुरक्षा व्यवस्था में मौजूद मिली. मिडनाइट ऑपरेशन में पुरनिया चौराहे पर कोई भी पुलिसकर्मी नहीं मिला, लेकिन बीच-बीच में पीआरबी की गाड़ी और डॉयल 100 की गाड़ियां गश्त करते हुए जरूर देखने को मिली.

लखनऊः देश भर में सुरक्षा व्यवस्था गंभीर मुद्दा है. तहजीब के इस शहर लखनऊ में 75 जिलों के कार्यालय, मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों के कार्यालय मौजूद हैं. नवाबों की नगरी कहा जाने वाला यह शहर पहले से ही मशहूर माना गया है फिर चाहे वह नवाबों के राज में हो या फिर लोकतंत्र में किसी सत्ताधारी पार्टी की सरकार को लेकर हो.

लखनऊ में मिडनाइट सुरक्षा व्यवस्था का रियलिटी चेक.

शहर की सुरक्षा और शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह और एसएसपी कलानिधि नैथानी कई अहम कदम उठा रहे हैं और कई तरह के ऑपरेशन भी कर रहे हैं. अब सवाल यह उठता है कि पुलिस प्रशासन की तरफ से उठाए गए इस कदम में रात की सुरक्षा व्यवस्था कितनी सही साबित होती है.

ईटीवी भारत के संवाददाता ने किया मिडनाइट सुरक्षा व्यवस्था का जायजा
मिडनाइट सुरक्षा व्यवस्था देखने के लिए ईटीवी भारत के संवाददाता ने रात में कई ऐसी जगहों को चिन्हित किया जो राजधानी में अहम मानी जाती है. शहर के मशहूर गिने-चुने स्थानों का नाम हर किसी के जुबां पर जरूर होता है. हमारे संवाददाता ने रात की सुरक्षा व्यवस्था को देखने के लिए उन्हीं जगहों का जायजा लिया.

मिडनाइट सुरक्षा व्यवस्था कहीं पास तो कहीं फेल
इस जांच पड़ताल का सिलसिला सबसे पहले राजधानी के हजरतगंज चौराहे से शुरू किया गया, जहां पर पुलिस प्रशासन की तरफ से कोई भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं मिला. यहां तक की वीवीआईपी गेस्ट हाउस के चौराहे पर भी पुलिस मौजूद नहीं मिली. जांच पड़ताल के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए निशातगंज रोड के अगले चौराहे पर भी कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं मिला. रात में कहीं-कहीं DIAL 100 और पीआरबी की गाड़ियां देखने को जरूर मिलीं.

अब राजधानी के संकल्प वाटिका से होते हुए निशातगंज ओवरफ्लाई से महानगर की ओर चलते हैं, जहां महानगर स्थित गोल मार्केट चौराहे पर पुलिस बखूबी अपनी जिम्मेदारियां निभाती हुई नजर आई.

सुरक्षा व्यवस्था को देखने के लिए कपूरथला से अलीगंज की तरफ निकले तो वहां पर अलीगंज की एक जिप्सी वाहन सुरक्षा व्यवस्था में मौजूद मिली. मिडनाइट ऑपरेशन में पुरनिया चौराहे पर कोई भी पुलिसकर्मी नहीं मिला, लेकिन बीच-बीच में पीआरबी की गाड़ी और डॉयल 100 की गाड़ियां गश्त करते हुए जरूर देखने को मिली.

Intro: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बड़ा ही गंभीर मुद्दा रहा है क्योंकि प्रदेश के 75 जिलों के कार्यालय और मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों का कार्यालय सहित अन्य बहुत सी चीजें राजधानी लखनऊ में मौजूद है तहजीब का शहर और नवाबों की नगरी पहले से ही मशहूर मानी गई फिर चाहे नवाबों का राज हो या फिर लोकतंत्र में किसी सत्ताधारी पार्टी की सरकार हो इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह और लखनऊ एसएसपी कलानिधि नैथानी लखनऊ शहर की सुरक्षा और शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कई अहम कदम उठा रहे हैं और कई तरह के ऑपरेशन भी कर रहे अब सवाल यह उठता है पुलिस प्रशासन की तरफ से उठाए गए कदम लखनऊ में रात की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कितने सही साबित होते हैं


Body:लखनऊ मिडनाइट सुरक्षा व्यवस्था को देखने के लिए और उसकी पड़ताल करने के लिए रिपोर्टर ने रात में लखनऊ की कई ऐसी जगह चिन्हित की जो राजधानी लखनऊ में अहिम स्थान मानी जाती है फिर चाहे सुरक्षा व्यवस्था हो या लखनऊ में मशहूर जगह का नाम हो हर किसी के जेहन में शहर के गिने-चुने स्थान जुबां पर जरूर होते हैं उन्हीं जगह पर हम मिडनाइट ऑपरेशन सहित लखनऊ की रात की सुरक्षा को देखने के लिए जगह-जगह जाते हैं हमने यह पड़ताल राजधानी लखनऊ के हजरतगंज चौराहा से की जहां पर पुलिस प्रशासन की तरफ से कोई भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं मिला वहीं से मोड़ते हुए हम सीधा वीवीआईपी गेस्ट हाउस की तरफ निकलते हैं तो देखते हैं उस चौराहे पर भी पुलिस मौजूद नहीं मिलती है हम धीरे-धीरे वहां से वापस निकलते हुए फिर हजरतगंज चौराहे से निकलकर निशातगंज रोड पर जाते हैं उसके बाद निशातगंज की तरफ बढ़ते हुए अगले चौराहा पर भी कोई भी पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में मौजूद नहीं मिलता है लेकिन कहीं-कहीं हंड्रेड डायल और पीआरबी की गाड़ियां देखने को जरूर मिली वहां से आगे चलते हुए हम संकल्प वाटिका से होते हुए निशातगंज ओवरफ्लाई से महानगर की ओर चलते हैं महानगर स्थित गोल मार्केट चौराहा पर पुलिस बखूबी अपनी जिम्मेदारियां निभाती हुई नजर आई और हमने मुस्तैद सब इंस्पेक्टर से भी बात की जिनसे हमने महानगर थाना क्षेत्र के आसपास के सिक्योरिटी पॉइंट पर भी बात की इसके बाद हमने कपूरथला होते हुए अलीगंज की तरफ निकलते हैं जहां पर अलीगंज की एक जिप्सी वाहन सुरक्षा व्यवस्था में मौजूद मिली वहां से निकलते हुए हम लखनऊ के पुरानिया चौराहा पहुंचे चौराहा पर हमको कोई भी पुलिसकर्मी नहीं मिला लेकिन बीच-बीच पीआरबी की गाड़ी और 100 नंबर की गाड़ियां गस्त करते हुए जरूर मिली


Conclusion:फिलहाल राजधानी लखनऊ की सुरक्षा व्यवस्था रात को लेकर आपने देख ही ली होगी देखते हैं ईटीवी भारत की इस पहल को उठाने के बाद लखनऊ में मिडनाइट ऑपरेशन का असर कितना देखने को मिलता है

संवाददाता सत्येंद्र शर्मा 8193 8640 12 वाइट बृजेश कुमार सब इंस्पेक्टर ड्यूटी के दौरान
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