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राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को वित्तीय लेन-देन कैश बुक में दर्ज करने के दिए निर्देश

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ऑनलाइन बैठक में विश्विद्यालयों को वित्तीय लेन-देन को कैश बुक में अनिवार्य रूप से दर्ज करने के निर्देश दिए. इसके अलावा विश्वविद्यालय के रिक्त पदों की नियुक्तियों में पारदर्शिता लाने के भी निर्देश दिए.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल.
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Published : Jun 15, 2021, 10:40 PM IST

लखनऊः राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि किसी भी विद्यार्थी को अपनी डिग्री प्राप्त करने के लिये विश्वविद्यालय के चक्कर न लगाना पड़े, उनकी डिग्रियां समयबद्ध उनके पते पर तत्काल प्रेषित कर दी जाये. ये निर्देश मंगलवार को ऑनलाइन लखनऊ विश्वविद्यालय तथा भातखण्डे विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपतियों को समीक्षा बैठक के दौरान राज्यपाल ने दिये. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी प्रकार के वित्तीय लेन-देन को कैश बुक में अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाये.

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में कम से कम खातों का संचालन करें, एक ही प्रवृत्ति के खातों को आपस में समायोजित करते हुये खातों की संख्या कम करें. अत्यधिक खाते होने से वित्तीय अनियमितता की सम्भावना काफी अधिक होती है. जो भी अग्रिम अपने कर्मचारियों को दिये गये है उनका समयबद्ध समायोजन तथा निस्तारण किया जाना चाहिए. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह के बाद समस्त डिग्री भेजी जानी चाहिए. ये कार्य सम्बद्ध महाविद्यालय भी समयबद्ध तरीके से करें. कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के रिक्त पदों की नियुक्तियों में पारदर्शिता अपनायी जाये, इसके लिये जारी होने वाले विज्ञापनों में समस्त निर्देशों एवं मापदण्डों का भी उल्लेख किया जाना चाहिये.

ग्रामीण महिलाओं को जागरूक करें
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थापित महिला विकास केंद्र ग्रामीण महिलाओं को जागरूक करने का कार्य करें. उन्होंने कहा कि वर्तमान में ग्राम पंचायत चुनाव में 33 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं ग्राम प्रधान निर्वाचित हुईं हैं. इनमें से अधिकांश महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से है. विश्वविद्यालय सेमिनार एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को सरकार द्वारा संचालित लाभार्थीपरक योजनाओं की जानकारी दें. इसके साथ ही समाज में फैली विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से भी अवगत करायें ताकि वे अपनी ग्राम सभा में ग्रामीण महिलाओं को योजनाओं का लाभ दे सकें. साथ ही विभिन्न सामाजिक कुरीतियों खासकर दहेज प्रथा, बेटा-बेटी में भेद आदि से उन्हें बचने की सीख दे सकें.

अनाथ बच्चों को गोद लें
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी छात्राओं को नारी निकेतन चिकित्सालयों आदि का भ्रमण कराये ताकि वे वहां के अनुभव को जान सके और भविष्य में विभिन्न बुराइयों से दूर रह सकें. राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के कारण तमाम बच्चे अनाथ हो गये हैं. विश्वविद्यालय ऐसे बच्चों को गोद लेने का काम करे तथा उनकी समुचित देखभाल की व्यवस्था भी करें.


सभी स्टॉफ व छात्रों का टीकाकरण जरूर कराएं
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने समस्त स्टाॅफ, छात्र-छात्राओं तथा उनके परीजनों का टीकाकरण अनिवार्य रूप से करायें. राज्यपाल ने निर्देश दिए कि आवासीय परिसर में किसी भी दशा में बाहरी व्यक्तियों का निवास नहीं होना चाहिये तथा विश्वविद्यालय में जो निर्माण कार्य चल रहा है उनका कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ समयबद्ध होना चाहिए. साथ ही समय-समय पर कार्यदायी संस्था से कार्य की समीक्षा भी अनिवार्य रूप से करायें और अपने समस्त कार्यों में नवीनतम तकनीक का प्रयोग करें.

यह भी पढ़ें-गंगा में मिली बच्ची, जिसे लकड़ी के बक्से में बंद कर बहाया गया था

लंबित विवादों का निस्तारण समय से कराएं
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में जो विवाद न्यायालय में लम्बित चल रहे है उनकी समीक्षा करने के साथ-साथ निस्तारण के लिए आवश्यक कदम उठाये जाये. उन्होंने कहा कि बैठक में विचार विमर्श के दौरान जो बिंदु उठाये गये हैं, उनका समयबद्ध निस्तारण पूर्ण गुणवत्ता के साथ होना चाहिये. इसमें किसी प्रकार की ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं की जाए.

लखनऊः राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि किसी भी विद्यार्थी को अपनी डिग्री प्राप्त करने के लिये विश्वविद्यालय के चक्कर न लगाना पड़े, उनकी डिग्रियां समयबद्ध उनके पते पर तत्काल प्रेषित कर दी जाये. ये निर्देश मंगलवार को ऑनलाइन लखनऊ विश्वविद्यालय तथा भातखण्डे विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपतियों को समीक्षा बैठक के दौरान राज्यपाल ने दिये. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी प्रकार के वित्तीय लेन-देन को कैश बुक में अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाये.

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में कम से कम खातों का संचालन करें, एक ही प्रवृत्ति के खातों को आपस में समायोजित करते हुये खातों की संख्या कम करें. अत्यधिक खाते होने से वित्तीय अनियमितता की सम्भावना काफी अधिक होती है. जो भी अग्रिम अपने कर्मचारियों को दिये गये है उनका समयबद्ध समायोजन तथा निस्तारण किया जाना चाहिए. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह के बाद समस्त डिग्री भेजी जानी चाहिए. ये कार्य सम्बद्ध महाविद्यालय भी समयबद्ध तरीके से करें. कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के रिक्त पदों की नियुक्तियों में पारदर्शिता अपनायी जाये, इसके लिये जारी होने वाले विज्ञापनों में समस्त निर्देशों एवं मापदण्डों का भी उल्लेख किया जाना चाहिये.

ग्रामीण महिलाओं को जागरूक करें
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थापित महिला विकास केंद्र ग्रामीण महिलाओं को जागरूक करने का कार्य करें. उन्होंने कहा कि वर्तमान में ग्राम पंचायत चुनाव में 33 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं ग्राम प्रधान निर्वाचित हुईं हैं. इनमें से अधिकांश महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से है. विश्वविद्यालय सेमिनार एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को सरकार द्वारा संचालित लाभार्थीपरक योजनाओं की जानकारी दें. इसके साथ ही समाज में फैली विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से भी अवगत करायें ताकि वे अपनी ग्राम सभा में ग्रामीण महिलाओं को योजनाओं का लाभ दे सकें. साथ ही विभिन्न सामाजिक कुरीतियों खासकर दहेज प्रथा, बेटा-बेटी में भेद आदि से उन्हें बचने की सीख दे सकें.

अनाथ बच्चों को गोद लें
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी छात्राओं को नारी निकेतन चिकित्सालयों आदि का भ्रमण कराये ताकि वे वहां के अनुभव को जान सके और भविष्य में विभिन्न बुराइयों से दूर रह सकें. राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के कारण तमाम बच्चे अनाथ हो गये हैं. विश्वविद्यालय ऐसे बच्चों को गोद लेने का काम करे तथा उनकी समुचित देखभाल की व्यवस्था भी करें.


सभी स्टॉफ व छात्रों का टीकाकरण जरूर कराएं
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने समस्त स्टाॅफ, छात्र-छात्राओं तथा उनके परीजनों का टीकाकरण अनिवार्य रूप से करायें. राज्यपाल ने निर्देश दिए कि आवासीय परिसर में किसी भी दशा में बाहरी व्यक्तियों का निवास नहीं होना चाहिये तथा विश्वविद्यालय में जो निर्माण कार्य चल रहा है उनका कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ समयबद्ध होना चाहिए. साथ ही समय-समय पर कार्यदायी संस्था से कार्य की समीक्षा भी अनिवार्य रूप से करायें और अपने समस्त कार्यों में नवीनतम तकनीक का प्रयोग करें.

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लंबित विवादों का निस्तारण समय से कराएं
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में जो विवाद न्यायालय में लम्बित चल रहे है उनकी समीक्षा करने के साथ-साथ निस्तारण के लिए आवश्यक कदम उठाये जाये. उन्होंने कहा कि बैठक में विचार विमर्श के दौरान जो बिंदु उठाये गये हैं, उनका समयबद्ध निस्तारण पूर्ण गुणवत्ता के साथ होना चाहिये. इसमें किसी प्रकार की ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं की जाए.

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