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बच्चों में मूल्य निर्मित करने के लिए कुछ कार्यक्रम होने चाहिए: आंनदी बेन पटेल

यूपी के लखनऊ में राज्यपाल आंनदी बेन पटेल ने शिक्षक दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया. जहां उन्होंने कहा कि हमकों बच्चों को ऐसा पढ़ाना चाहिए जिसको बच्चे समझ पाए जो हम पढ़ा रहे हैं.

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Published : Sep 5, 2019, 3:25 PM IST

आंनदी बेन पटेल

लखनऊ: राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कई संस्मरण सुनाकर बेहतर कार्य करने के लिए लोगों को प्रेरित किया. पेशे से शिक्षक रहीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शिक्षकों को भी सीख दीं और शिक्षकों से स्कूलों को अच्छा बनाने का संकल्प लेने की अपील की. उन्होंने शिक्षकों से कहा कि ऐसा पढ़ाएं जिससे बच्चों का भविष्य अच्छा बने. यह भी विचार करें कि जो हम पढ़ा रहे हैं, क्या बच्चे उसे समझ पा रहे हैं. अगर पूरा शिक्षा जगत मिलजुल कर काम करेगा तो निश्चित ही आगे चलकर उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनेगा.

पढ़ें: डीजीपी ओपी सिंह नहीं लेंगे इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मानद उपाधि

जानिए क्या कहा राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि राज्य सरकार यह काम करती रहती है कि कहां और कौन अच्छा कार्य कर रहा है. यह जरूरी नहीं कि प्रत्येक शिक्षक को अच्छा काम करने वाले को सम्मानित किया गया. इसलिए भले ही उन्हें सम्मानित नहीं किया गया हो लेकिन उनके बारे में चर्चा जरूर होनी चाहिए. राज्यपाल ने एक शिक्षक का जिक्र किया जिन्होंने शौचालय बनवाने के लिए अपने एक माह का वेतन स्कूल को दे दिया, ऐसे शिक्षक समाज में हैं.

बच्चों में मूल्य निर्मित करने के लिए कुछ कार्यक्रम होने चाहिए
बच्चों के लिए हम नकारात्मक सोचते हैं, लेकिन वे हमसे अलग होते हैं. बच्चों में मूल्य निर्मित करने के लिए कुछ कार्यक्रम होने चाहिए. बच्चों को सफाई करनी चाहिए. अहमदाबाद में जिस स्कूल में मैं थी, उसमें हमारे प्रिंसिपल ने कहा कि हम सबको मिलकर सफाई करना है. कार्यक्रम बनाया गया, हर दिन किसको स्कूल की सफाई करना है, यह तय किया था. स्कूल बंद होने के वक्त जिन बच्चों की ड्यूटी थी, वे रुक जाते थे. सफाई करने के बाद स्कूल से जातीं और सुबह आने पर पूरा स्कूल स्वच्छ मिलता.

मोदी जी ने मुख्यमंत्री रहते हर विद्यालय में शौचालय बनवाए- राज्यपाल
पहले गांधी जी ने स्वच्छ्ता का अभियान चलाया. पहले वह अभियान देश में चलता था, लेकिन बीच के काल खंड में इसमें रुकावट आई. मोदी जी ने फिर से इसकी शुरुआत की. मुख्यमंत्री रहते मोदी जी ने गुजरात में हर विद्यालय में शौचालय बनवाया. जब प्रधानमंत्री बने तब पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाया गया. तो अब संस्था से जुड़े लोगों को अपनी संस्था की सफाई खुद करनी होगी और लोगों ने करना भी शुरू कर दिया है.

लखनऊ: राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कई संस्मरण सुनाकर बेहतर कार्य करने के लिए लोगों को प्रेरित किया. पेशे से शिक्षक रहीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शिक्षकों को भी सीख दीं और शिक्षकों से स्कूलों को अच्छा बनाने का संकल्प लेने की अपील की. उन्होंने शिक्षकों से कहा कि ऐसा पढ़ाएं जिससे बच्चों का भविष्य अच्छा बने. यह भी विचार करें कि जो हम पढ़ा रहे हैं, क्या बच्चे उसे समझ पा रहे हैं. अगर पूरा शिक्षा जगत मिलजुल कर काम करेगा तो निश्चित ही आगे चलकर उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनेगा.

पढ़ें: डीजीपी ओपी सिंह नहीं लेंगे इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मानद उपाधि

जानिए क्या कहा राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि राज्य सरकार यह काम करती रहती है कि कहां और कौन अच्छा कार्य कर रहा है. यह जरूरी नहीं कि प्रत्येक शिक्षक को अच्छा काम करने वाले को सम्मानित किया गया. इसलिए भले ही उन्हें सम्मानित नहीं किया गया हो लेकिन उनके बारे में चर्चा जरूर होनी चाहिए. राज्यपाल ने एक शिक्षक का जिक्र किया जिन्होंने शौचालय बनवाने के लिए अपने एक माह का वेतन स्कूल को दे दिया, ऐसे शिक्षक समाज में हैं.

बच्चों में मूल्य निर्मित करने के लिए कुछ कार्यक्रम होने चाहिए
बच्चों के लिए हम नकारात्मक सोचते हैं, लेकिन वे हमसे अलग होते हैं. बच्चों में मूल्य निर्मित करने के लिए कुछ कार्यक्रम होने चाहिए. बच्चों को सफाई करनी चाहिए. अहमदाबाद में जिस स्कूल में मैं थी, उसमें हमारे प्रिंसिपल ने कहा कि हम सबको मिलकर सफाई करना है. कार्यक्रम बनाया गया, हर दिन किसको स्कूल की सफाई करना है, यह तय किया था. स्कूल बंद होने के वक्त जिन बच्चों की ड्यूटी थी, वे रुक जाते थे. सफाई करने के बाद स्कूल से जातीं और सुबह आने पर पूरा स्कूल स्वच्छ मिलता.

मोदी जी ने मुख्यमंत्री रहते हर विद्यालय में शौचालय बनवाए- राज्यपाल
पहले गांधी जी ने स्वच्छ्ता का अभियान चलाया. पहले वह अभियान देश में चलता था, लेकिन बीच के काल खंड में इसमें रुकावट आई. मोदी जी ने फिर से इसकी शुरुआत की. मुख्यमंत्री रहते मोदी जी ने गुजरात में हर विद्यालय में शौचालय बनवाया. जब प्रधानमंत्री बने तब पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाया गया. तो अब संस्था से जुड़े लोगों को अपनी संस्था की सफाई खुद करनी होगी और लोगों ने करना भी शुरू कर दिया है.

Intro:लखनऊ। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम अपने संबोधन के दौरान कई संस्मरण सुनाकर बेहतर कार्य करने के लिए लोगों को प्रेरित किया। पेशे से शिक्षक रहीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने शिक्षकों को भी सीख दीं। शिक्षकों से स्कूलों को अच्छा बनाने का संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि ऐसा पढ़ाएं जोकि बच्चों का भविष्य अच्छा हो। यह भी विचार करें कि जो हम पढ़ा रहे हैं, क्या बच्चे उसे समझ पा रहे हैं। अगर पूरा शिक्षा जगत मिलजुल कर काम करेंगे तो निश्चित ही आगे चलकर उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनेगा।


Body:राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि राज्य सरकार यह काम करती रहती है कि कहाँ और कौन अच्छा कार्य किया जा रहा है। यह जरूरी नहीं कि प्रत्येक शिक्षक को अच्छा काम करने वाले को सम्मानित किया गया। इसलिए भले ही उन्हें सम्मानित नहीं किया गया हो लेकिन उनके बारे में चर्चा जरूर होनी चाहिए। राज्यपाल ने एक शिक्षक का जिक्र किया जिन्होंने शौचालय बनवाने के लिए अपनी एक माह का वेतन स्कूल को दे दिया। ऐसे शिक्षक समाज मे हैं।

बच्चों के लिए हम नकारत्मक सोचते हैं। लेकिन वे हमसे अलग होते हैं। बच्चों में मूल्य निर्मित करने के लिए कुछ कार्यक्रम होने चाहिए। बच्चों को सफाई करना चाहिए। अहमदाबाद में जिस स्कूल में मैं थी। उसमें हमारे प्रिंसपल ने कहा कि हम सबको मिलकर सफाई करना है। कार्यक्रम बनाया गया। हर दिन किसको स्कूल की सफाई करना है, यह तय किया था। स्कूल बंद होने के वक्त जिन बच्चों की ड्यूटी थी, वे रुक जाती थीं। सफाई करने के बाद स्कूल से जातीं। सुबह आने पर पूरा स्कूल स्वच्छ मिलता।

पहले गांधी जी स्वच्छ्ता का अभियान चलाया। पहले वह अभियान देश मे चलता था। लेकिन बीच के काल खंड में इसमे रुकावट आई। मोदी जी ने फिर से इसकी शुरुआत की। मुख्यमंत्री रहते मोदी जी गुजरात मे हर विद्यालय में शौचालय बनवाया गया। जब प्रधानमंत्री बने तब पूरे देश मे स्वच्छता अभियान चलाया गया। तो अब संस्था से जुड़े लोगों को अपनी संस्था की सफाई खुद करनी होगी। लोग करना भी शुरू कर दिए हैं।

राज्यपाल ने भय भूख और भ्रस्टाचार के खिलाफ कैसे गुजरात मे मंत्री रहते हुए काम किया, बताया। उन्होंने बताया कि पार्टी नेतृत्व के कहने के बावजूद हमने विभाग में 20 हजार शिक्षकों की भर्ती बिना इंटरब्यू के किया। क्योंकि इंटरब्यू में सबसे ज्यादा भ्रस्टाचार होता है। उन्होंने विद्यालय, शिक्षक और छात्रों से जुड़े कई संस्मरण सुनाया।


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