ETV Bharat / state

कला, संस्कृति व व्यंजनों के संरक्षण के लिए सरकार देगी 5 लाख का अनुदान

author img

By

Published : May 26, 2023, 11:04 PM IST

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि नई पर्यटन नीति 2022 के तहत राज्य की दुर्लभ और विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुकी चीजों को बचाने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को 5 लाख का अनुदान प्रदान किया जाएगा.

Etv Bharat
Etv Bharat

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की नई पर्यटन नीति 2022 के तहत प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय महत्व के लिए जाने वाले पर्यटक स्थलों के आसपास के 50 किलोमीटर के दायरे में मौजूद स्थानीय पारंपरिक और दुर्लभ होती जा रही कला, संगीत, लोक, नृत्य और व्यंजनों के संरक्षण के लिए सरकार नियम ला रही है. इसके तहत इन दुर्लभ चीजों के संरक्षण व इन पुनर्जीवित करने वाले लोगों व संस्थाओं को सरकार की ओर से 5 लाख का एक मुश्त अनुदान दिया किया जाएगा. यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि नई पर्यटन नीति 2022 में इसके संबंध में सरकार की ओर से व्यवस्था की गई है.

पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर अनुदान: पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन को लेकर अपार संभावनाएं है. प्रदेश में कई सांस्कृतिक विरासत ऐसी हैं, जो विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई हैं. उन्हें संरक्षित करने की जरूरत है. यहां पर विभिन्न प्रकार की लोक कलाएं, व्यंजन, भेष भूषा, कला संगीत उपलब्ध हैं. कुछ लोक कलाएं विलुप्त की कगार पर पहुंच गई है. इन चीजों को संरक्षित कर के भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास सरकार की ओर से किया जा रहा है.

पर्यटन मंत्री ने बताया कि संस्कृति विभाग इन कलाओं के संरक्षण में लगे हुए व्यक्तियों व समूहों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 5 लाख रूपये की धनराशि अनुदान के रूप में दिया जाएगा. वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किये जाने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा संस्कृति विभाग के सहयोग से लुप्तप्राय कला, नृत्य, संगीत, शिल्प, लोकनृत्य और व्यंजनों की सूची प्रकाशित कराई जाएगी. अनुदान का लाभ लेने के लिए संबंधित जिले के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला पर्यटन व संस्कृति परिषद द्वारा संस्तुति प्रदान की जायेगी. यह प्रोत्साहन राशि प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक मण्डल के अधिकतम 10 आवेदकों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जायेगा.

यह भी पढ़ें:'उत्तराखंड में अध्यात्म के साथ पर्यटन में भी पर्याप्त अवसर', हरिद्वार में भागीरथी पर्यटक आवास का लोकार्पण

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की नई पर्यटन नीति 2022 के तहत प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय महत्व के लिए जाने वाले पर्यटक स्थलों के आसपास के 50 किलोमीटर के दायरे में मौजूद स्थानीय पारंपरिक और दुर्लभ होती जा रही कला, संगीत, लोक, नृत्य और व्यंजनों के संरक्षण के लिए सरकार नियम ला रही है. इसके तहत इन दुर्लभ चीजों के संरक्षण व इन पुनर्जीवित करने वाले लोगों व संस्थाओं को सरकार की ओर से 5 लाख का एक मुश्त अनुदान दिया किया जाएगा. यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि नई पर्यटन नीति 2022 में इसके संबंध में सरकार की ओर से व्यवस्था की गई है.

पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर अनुदान: पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन को लेकर अपार संभावनाएं है. प्रदेश में कई सांस्कृतिक विरासत ऐसी हैं, जो विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई हैं. उन्हें संरक्षित करने की जरूरत है. यहां पर विभिन्न प्रकार की लोक कलाएं, व्यंजन, भेष भूषा, कला संगीत उपलब्ध हैं. कुछ लोक कलाएं विलुप्त की कगार पर पहुंच गई है. इन चीजों को संरक्षित कर के भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास सरकार की ओर से किया जा रहा है.

पर्यटन मंत्री ने बताया कि संस्कृति विभाग इन कलाओं के संरक्षण में लगे हुए व्यक्तियों व समूहों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 5 लाख रूपये की धनराशि अनुदान के रूप में दिया जाएगा. वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किये जाने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा संस्कृति विभाग के सहयोग से लुप्तप्राय कला, नृत्य, संगीत, शिल्प, लोकनृत्य और व्यंजनों की सूची प्रकाशित कराई जाएगी. अनुदान का लाभ लेने के लिए संबंधित जिले के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला पर्यटन व संस्कृति परिषद द्वारा संस्तुति प्रदान की जायेगी. यह प्रोत्साहन राशि प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक मण्डल के अधिकतम 10 आवेदकों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जायेगा.

यह भी पढ़ें:'उत्तराखंड में अध्यात्म के साथ पर्यटन में भी पर्याप्त अवसर', हरिद्वार में भागीरथी पर्यटक आवास का लोकार्पण

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.