लखनऊ: कोरोना की लड़ाई में प्रदेश सरकार एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है, जिसके तहत प्रदेश सरकार 11 जिलों में सीरो सर्विलांस कराएगी. इसके लिए एक सितंबर को पहली ट्रेनिंग और तीन सितंबर को दूसरे चरण की ट्रेनिंग होगी. साथ ही जेलों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जेल के लिए अलग से प्रोटोकॉल जारी किया जाएगा.
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में जल्द ही सीरो सर्विलेंस शुरू किया जाएगा. मंगलवार को इसकी पहली ट्रेनिंग की जाएगी. 11 जिलों में सर्विलेंस का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है. इनमें लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज, कौशांबी, बागपत, मुरादाबाद, गाजियाबाद और मेरठ जिला शामिल है. इन सभी जिलों में पहले चरण की ट्रेनिंग मंगलवार को की जाएगी. वहीं दूसरे चरण की ट्रेनिंग तीन सितंबर को की जाएगी. चार से छह सितंबर के बीच जो चयनित समूह हैं, उनसे प्रत्येक जिले में 1080 लोगों का ब्लड सैंपल लिया जाएगा और केजीएमयू में इसकी जांच की जाएगी.
24 घंटों में आए 5061 नए मामले
प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 5061 नए मामले सामने आए हैं. मौजूदा समय में प्रदेश में 54 हजार 788 कोरोना के एक्टिव केस है. वहीं अब तक 72 हजार 140 संक्रमित इलाज के बाद स्वस्थ्य हो चुके हैं.
कोरोना से प्रदेश में अब तक 3486 मौत
संक्रमण की चपेट में आने से प्रदेश में अब तक 3486 लोगों की मौत हो चुकी है. रविवार को प्रदेश में एक लाख 36 हजार 585 सैंपल की जांच की गई. साथ ही प्रदेश में अब तक 56 लाख 26 हजार 897 सैंपल की जांच की गई जा चुकी है. रविवार को प्रदेश में 35000 से अधिक आरटीपीसीआर की लैब को सैंपल भेजे गए थे. आरटीपीसीआर, ट्रूनेट मशीन और एंटीजन टेस्ट के माध्यम से जांच की जा रही है.
अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में संक्रमित मरीजों में से 27263 लोग होम आइसोलेशन में है. प्रदेश में अब तक एक लाख 682 लोगों ने होम आइसोलेशन का विकल्प लिया है. इनमें से 73419 लोग होम आइसोलेशन की अवधि को पूरा कर चुके हैं. प्रदेश के निजी अस्पतालों में इस समय 2657 कोरोना संक्रमित अपना इलाज करा रहे हैं. सेमी पेड एल-1 कैटेगरी में 260 लोग चिकित्सा का लाभ ले रहे हैं.
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में कोविड, नॉन कोविड को मिलाया नहीं गया है. दोनों मरीजों को अलग-अलग इलाज दिया जा रहा है. प्रदेश में कोविड अस्पतालों में एक लाख 50 हजार बेड स्थापित किए गए हैं. जांच और इलाज का सारा खर्च सरकार की तरफ से किया जा रहा है. प्रदेश में अब तक 62 हजार 901 कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना की जा चुकी है.