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अहलेबैत कॉन्फ्रेंस में बोले धर्मगुरु, सरकार हमारे पर्सनल ला में न करे हस्तक्षेप

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Published : Nov 26, 2022, 10:10 PM IST

आतंकवाद के विरोध में लखनऊ में शनिवार को अहलेबैत कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ. जिसमें देश भर से आए शिया धर्मगुरुओं (Shia clerics) ने आतंकवाद (terrorism) का खुले मंच से विरोध किया. इस मौके पर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) के साथ देश भर के कई शिया संगठन से जुड़े उलमा (ulama) बड़ी संख्या में शामिल रहे.

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लखनऊ : आतंकवाद के विरोध में लखनऊ में शनिवार को अहलेबैत कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ. जिसमें देश भर से आए शिया धर्मगुरुओं (Shia clerics) ने आतंकवाद (terrorism) का खुले मंच से विरोध किया. इस मौके पर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) के साथ देश भर के कई शिया संगठन (Shia organization) से जुड़े उलमा (ulama) बड़ी संख्या में शामिल रहे.


ऑल इंडिया शिया हुसैनी फंड (All India Shia Hussaini Fund) की ओर से लखनऊ के शिया कॉलेज में चौथी अहलेबैत कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. जिसमें दुनिया भर में फैले आतंकवाद का जमकर विरोध देखने को मिला. सबसे ज्यादा विरोध पाकिस्तान और सऊदी अरब जैसे देशों का इस कॉन्फ्रेंस में देखने को मिला. इसके अलावा जाकिर नाइक को कतर में फीफा वर्ल्ड कप में बुलाए जाने पर भी उलमा ने कड़ा एतराज जताया. इस दौरान ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास (General Secretary Maulana Yasoob Abbas) ने जाकिर नायक को हिंदुस्तान से भगोड़ा करार देते हुए कहा कि कतर देश ने फीफा वर्ल्ड कप में जाकिर नायक को बुलाकर अच्छा संदेश नहीं दिया है. जाकिर नायक की धार्मिक स्पीच को किसी भी दशा में सही नहीं कहा जा सकता है. इसके अलावा मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि दुनिया भर में जिस तरीके से आतंकवाद तेजी से पनप रहा है इस पर सभी को संजीदा होने की जरूरत है. ऐसे धर्म गुरुओं पर भी देश और विदेशों की सरकारों को निगाह रखने की जरूरत है जो कट्टरता की आंड़ में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं.

जानकारी देते मौलाना यासूब अब्बास व मौलाना कौकब मुश्तबा.
ऑल इंडिया शिया हुसैनी फंड की ओर से कॉन्फ्रेंस में शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि सभी देश की सरकारों की अपनी लक्ष्मण सीमा होती है और सरकारों का काम है, सब को साथ लेकर चलना होता है. मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि कॉमन सिविल कोड (common civil code) निकाह तलाक पर्सनल लॉ (Nikah Talaq Personal Law) का मसला है, उसमें हस्तक्षेप न किया जाए तो बेहतर है. मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि 4 दिसंबर को मुंबई में विश्व भर के धर्म गुरुओं का एक बड़ा जलसा आयोजित किया जाएगा. जिसमें मुसलमानों से जुड़े तमाम मुद्दों पर गहनता से विचार किया जाएगा. उस जलसे में तलाक, निकाह, मदरसों और कॉमन सिविल कोड पर एक राय बनाने की कोशिश की जाएगी. उलमा की सहमति के बाद सरकार से अपनी मांगों को लेकर हमारा डेलिगेशन मुलाकात करेगा.

यह भी पढ़ें : विधानसभा के शीतकालीन सत्र की रूपरेखा तय की गई, इस पर होगी चर्चा

लखनऊ : आतंकवाद के विरोध में लखनऊ में शनिवार को अहलेबैत कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ. जिसमें देश भर से आए शिया धर्मगुरुओं (Shia clerics) ने आतंकवाद (terrorism) का खुले मंच से विरोध किया. इस मौके पर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Shia Personal Law Board) के साथ देश भर के कई शिया संगठन (Shia organization) से जुड़े उलमा (ulama) बड़ी संख्या में शामिल रहे.


ऑल इंडिया शिया हुसैनी फंड (All India Shia Hussaini Fund) की ओर से लखनऊ के शिया कॉलेज में चौथी अहलेबैत कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. जिसमें दुनिया भर में फैले आतंकवाद का जमकर विरोध देखने को मिला. सबसे ज्यादा विरोध पाकिस्तान और सऊदी अरब जैसे देशों का इस कॉन्फ्रेंस में देखने को मिला. इसके अलावा जाकिर नाइक को कतर में फीफा वर्ल्ड कप में बुलाए जाने पर भी उलमा ने कड़ा एतराज जताया. इस दौरान ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास (General Secretary Maulana Yasoob Abbas) ने जाकिर नायक को हिंदुस्तान से भगोड़ा करार देते हुए कहा कि कतर देश ने फीफा वर्ल्ड कप में जाकिर नायक को बुलाकर अच्छा संदेश नहीं दिया है. जाकिर नायक की धार्मिक स्पीच को किसी भी दशा में सही नहीं कहा जा सकता है. इसके अलावा मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि दुनिया भर में जिस तरीके से आतंकवाद तेजी से पनप रहा है इस पर सभी को संजीदा होने की जरूरत है. ऐसे धर्म गुरुओं पर भी देश और विदेशों की सरकारों को निगाह रखने की जरूरत है जो कट्टरता की आंड़ में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं.

जानकारी देते मौलाना यासूब अब्बास व मौलाना कौकब मुश्तबा.
ऑल इंडिया शिया हुसैनी फंड की ओर से कॉन्फ्रेंस में शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि सभी देश की सरकारों की अपनी लक्ष्मण सीमा होती है और सरकारों का काम है, सब को साथ लेकर चलना होता है. मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि कॉमन सिविल कोड (common civil code) निकाह तलाक पर्सनल लॉ (Nikah Talaq Personal Law) का मसला है, उसमें हस्तक्षेप न किया जाए तो बेहतर है. मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि 4 दिसंबर को मुंबई में विश्व भर के धर्म गुरुओं का एक बड़ा जलसा आयोजित किया जाएगा. जिसमें मुसलमानों से जुड़े तमाम मुद्दों पर गहनता से विचार किया जाएगा. उस जलसे में तलाक, निकाह, मदरसों और कॉमन सिविल कोड पर एक राय बनाने की कोशिश की जाएगी. उलमा की सहमति के बाद सरकार से अपनी मांगों को लेकर हमारा डेलिगेशन मुलाकात करेगा.

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