लखनऊ: प्रदेश सरकार ने नशे के अवैध कारोबार पर नकेल कसने के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (Anti Narcotics Task Force) का गठन तो किया ही है. साथ ही इसे रोकने के लिए कई और उपाय भी किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के निर्देश के क्रम में सिंथेटिक नारकोटिक्स एंड साइकोट्रोपिक ड्रग (Synthetic Narcotics and Psychotropic Drugs) के नेक्सस को तोड़ने के लिए एएनटीएफ में एक स्पेशल टीम का गठन किया जा रहा है, जिसमें आईटी स्पेशलिस्ट, साइबर एक्सपर्ट और साफ्टवेयर डेवलपर होंगे. इसके अलावा एएनटीएफ के कार्मिकों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) से समन्वय स्थापित कर एएनटीएफ की स्पेशल टीम को ट्रेनिंग के लिए दिल्ली भेजा जाएगा. ऐसे गिरोह के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसटीएफ के एक्सपर्ट की भी मदद ली जाएगी.
विशेषज्ञ बताते हैं कि सिंथेटिक नारकोटिक्स एंड साइकोट्रोपिक ड्रग को केमिकल्स के जरिए बनाया जाता है, जिसकी वजह से यह प्राकृतिक ड्रग से कहीं ज्यादा खतरनाक है. साइकोट्रोपिक के तहत करीब 112 ड्रग्स आती हैं, इसमें इंजेक्शन भी शामिल हैं. इसे बड़े पैमाने पर युवाओं तक पहुंचाने के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से लेनदेन भी किया जाता है.
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इसी के तहत एएनटीएफ का गठन किया गया है. तकनीकी का दुरुपयोग कर डार्क वेब, सोशल मीडिया और क्रिप्टो करेंसी के जरिए सिंथेटिक नारकोटिक्स एंड साइकोट्रोपिक ड्रग की सप्लाई की जाती है. सीएम योगी ने हाल ही में प्रदेश में इसे रोकने के लिए एएनटीएफ को टास्क सौंपा है. प्रदेश के बाराबंकी, फैजाबाद, शाहजहांपुर, बदायूं, बरेली, गाजीपुर, मऊ और रायबरेली में वैध अफीम की खेती होती है. इसके मद्देनजर सीएम योगी ने अफीम की अवैध खरीद फरोख्त पर भी निगाह रखने के निर्देश एएनटीएफ को दिए हैं.
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वहीं, सीएम योगी के निर्देश पर एएनटीएफ जागरूकता अभियान भी चलाएगी. ड्रग डिमांड रिडक्शन के तहत ड्रग लेने वाले लोगों को इसे बंद करने के लिए जागरुक किया जाएगा. इसके तहत रैली, सोशल और डिजिटल मीडिया के माध्यमों से प्रचार प्रसार किया जाएगा. ड्रग हॉर्म रिडक्शन के तहत नशा मुक्ति केंद्र में भी ऐसे लोगों को भर्ती किया जाएगा, ताकि वह नशे की लत को छोड़ दें. इसके लिए एनसीबी से भी समन्वय किया जाएगा.