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निकाय चुनाव में सीटों का नए सिरे से होगा आरक्षण, शासन ने जिलों से मांगे प्रस्ताव - Proposal for reservation of Nagar Panchayats

यूपी नगर निकाय चुनाव में सीटों का नए सिरे से आरक्षण करने का आदेश दिया गया है. शासन ने सभी जिलों से आरक्षण प्रस्ताव मांगे हैं. इन प्रस्तावों के बाद आरक्षणों में तमाम उलटफेर हो सकते हैं.

यूपी नगर निकाय चुनाव
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Published : Oct 23, 2022, 4:23 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव की तैयारियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं. जिलों में रैपिड सर्वे का काम पूरा होने के साथ ही यूपी शासन ने नोटिफिकेशन जारी कर के सभी जिलाधिकारियों से नगर निकाय के वार्डों के आरक्षण के प्रस्ताव मांगे हैं. नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर नगर निगम नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के आरक्षण का प्रस्ताव मांगा है. यह सारे प्रस्ताव शासन ने सभी जिलों से संबंधित नगर निकायों के आरक्षण का प्रस्ताव हर हाल में 4 नवंबर तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. जिले से मांगे गए आरक्षण के प्रस्ताव के चलते तमाम निकायों में नए सिरे से आरक्षण तय होगा, जिससे निकाय चुनाव में तमाम तरह के उलटफेर वार्डों के आरक्षण में देखने को मिलेंगे.


नगर विकास विभाग प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने वर्ष 2011 में निकायों के आरक्षण के लिए तैयार किए गए फार्मूले को आधार मानते हुए वार्डों के आरक्षण के प्रस्ताव मांगे हैं. यह भी कहा गया है कि 2011 में तैयार नियमावली के बाद जिस किसी नगर निकाय चुनाव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग तथा महिलाओं के लिए आरक्षित आवंटित वार्डों का आरक्षण किया गया था. वह दिसंबर महीने में प्रस्तावित चुनाव में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों तथा महिलाओं को आवंटित नहीं किए जाएंगे.

इसके अलावा नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने आदेश में यह भी कहा है कि 2017 के निकाय चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में तमाम नगर निकायों का नया गठन हुआ है. इसके साथ ही तमाम नगर निकायों के सीमा क्षेत्र को भी विस्तारित किया गया है. ऐसे नए नगर निकाय या जहां पर सीमा विस्तार किया गया है. वहां पर वर्ष 2011 में बनाई गई नियमावली के आधार पर आरक्षण के प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा जाना है. इसमें यह बात महत्वपूर्ण रहेगी कि किसी भी वार्ड के पूर्णतया नया होने अथवा वार्ड की जनसंख्या में 50 फीसद से अधिक जनसंख्या के नए क्षेत्र में शामिल होने पर, उसे नया वार्ड मानकर उसका आरक्षण निर्धारित किया जाए.


प्रमुख सचिव ने भेजे आदेश में यह भी कहा है कि सभी नगर निगम नगर पालिका नगर पंचायतों के वार्डों का आरक्षण अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति पिछड़े वर्ग तथा महिलाओं के लिए आरक्षण के प्रस्ताव तीन-तीन प्रतियों में नियमावली के प्रावधानों के अनुसार तैयार करके शासन को उपलब्ध कराएं. 4 नवंबर तक नगर विकास विभाग अनुभाग एक को वार्डों आरक्षण के प्रस्ताव हर हाल में उपलब्ध करा दिए जाएं. जिससे आगे की कार्रवाई की जा सकेगी.

यह भी पढ़ें: वन मंत्री को गोरखपुर नगर निगम चुनाव में कमल खिलाने की जिम्मेदारी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव की तैयारियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं. जिलों में रैपिड सर्वे का काम पूरा होने के साथ ही यूपी शासन ने नोटिफिकेशन जारी कर के सभी जिलाधिकारियों से नगर निकाय के वार्डों के आरक्षण के प्रस्ताव मांगे हैं. नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर नगर निगम नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के आरक्षण का प्रस्ताव मांगा है. यह सारे प्रस्ताव शासन ने सभी जिलों से संबंधित नगर निकायों के आरक्षण का प्रस्ताव हर हाल में 4 नवंबर तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. जिले से मांगे गए आरक्षण के प्रस्ताव के चलते तमाम निकायों में नए सिरे से आरक्षण तय होगा, जिससे निकाय चुनाव में तमाम तरह के उलटफेर वार्डों के आरक्षण में देखने को मिलेंगे.


नगर विकास विभाग प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने वर्ष 2011 में निकायों के आरक्षण के लिए तैयार किए गए फार्मूले को आधार मानते हुए वार्डों के आरक्षण के प्रस्ताव मांगे हैं. यह भी कहा गया है कि 2011 में तैयार नियमावली के बाद जिस किसी नगर निकाय चुनाव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग तथा महिलाओं के लिए आरक्षित आवंटित वार्डों का आरक्षण किया गया था. वह दिसंबर महीने में प्रस्तावित चुनाव में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों तथा महिलाओं को आवंटित नहीं किए जाएंगे.

इसके अलावा नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने आदेश में यह भी कहा है कि 2017 के निकाय चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में तमाम नगर निकायों का नया गठन हुआ है. इसके साथ ही तमाम नगर निकायों के सीमा क्षेत्र को भी विस्तारित किया गया है. ऐसे नए नगर निकाय या जहां पर सीमा विस्तार किया गया है. वहां पर वर्ष 2011 में बनाई गई नियमावली के आधार पर आरक्षण के प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा जाना है. इसमें यह बात महत्वपूर्ण रहेगी कि किसी भी वार्ड के पूर्णतया नया होने अथवा वार्ड की जनसंख्या में 50 फीसद से अधिक जनसंख्या के नए क्षेत्र में शामिल होने पर, उसे नया वार्ड मानकर उसका आरक्षण निर्धारित किया जाए.


प्रमुख सचिव ने भेजे आदेश में यह भी कहा है कि सभी नगर निगम नगर पालिका नगर पंचायतों के वार्डों का आरक्षण अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति पिछड़े वर्ग तथा महिलाओं के लिए आरक्षण के प्रस्ताव तीन-तीन प्रतियों में नियमावली के प्रावधानों के अनुसार तैयार करके शासन को उपलब्ध कराएं. 4 नवंबर तक नगर विकास विभाग अनुभाग एक को वार्डों आरक्षण के प्रस्ताव हर हाल में उपलब्ध करा दिए जाएं. जिससे आगे की कार्रवाई की जा सकेगी.

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