लखनऊ: उत्तर प्रदेश में यूपी बोर्ड की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गईं. योगी सरकार ने नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए कमर कस ली है. साथ ही नकल होने का पता चलने पर कार्रवाई करने के सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन भी काफी सख्त दिख रहा है. वहीं नकल करने और कराने वाले को जेल भेजा जाएगा.
महराजगंज में 73,868 छात्र-छात्राएं दे रहे परीक्षा
जिले में कुल 98 परीक्षा केंद्र बनाये गए है, जिसमें 73,868 छात्र-छात्राएं परीक्षा दे रहे हैं. इनमें हाईस्कूल के 41,471 छात्र और इंटर के 32,397 परीक्षार्थी हैं. नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए जनपद के 15 सेक्टर मजिस्ट्रेट और पांच जोनल मजिस्ट्रेट के अलावा चार स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं. इस बार स्कूल प्रबंधन भी काफी सख्त दिख रहा है और नकलविहीन परीक्षा कराने को लेकर तत्पर दिख रहा है.
वाराणसी में 3 कंट्रोल रूम से परीक्षाओं पर रखी जा रही नजर
बोर्ड की परिक्षाओं को लेकर सरकार काफी सख्त दिखाई दे रही है. उत्तर प्रदेश सरकार नकल माफियाओं पर नकेल कसने के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था कर चुकी है. शिक्षा विभाग की ओर से तीन कंट्रोल रूम की मदद से परीक्षाओं पर नजर रखी जा रही है. परीक्षा केंद्रों पर काफी शिक्षक नियुक्त किए गए हैं. वाराणसी के सनातन धर्म इंटर कॉलेज में भी बेहद उच्चस्तरीय सीसीटीवी कैमरों की मदद से परीक्षा संपन्न कराई जा रही हैं. कक्ष निरीक्षकों को भी यह हिदायत दी गई है कि किसी भी प्रकार की ऐसी चीजें, जिससे नकल हो सके उसे कक्ष में कोई न ला सकें. किसी भी प्रकार से छात्रों को परीक्षा देने में असुविधा न हो. वहीं उत्तर प्रदेश में लगभग 30 लाख से अधिक की संख्या में बच्चे इस परीक्षा में शामिल हो रहे हैं. नकल माफियाओं पर वर्तमान सरकार नकेल कसने में सफल दिखाई दे रही है.
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